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पांच और जिलों में स्थायी लोक अदालत बनेंगी

जागरण संवाददाता, नैनीताल : राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में पांच और जिलों में स्थायी लोक

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Mar 2017 06:39 PM (IST)Updated: Sat, 04 Mar 2017 06:39 PM (IST)
पांच और जिलों में स्थायी लोक अदालत बनेंगी
पांच और जिलों में स्थायी लोक अदालत बनेंगी

जागरण संवाददाता, नैनीताल : राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में पांच और जिलों में स्थायी लोक अदालत स्थापित करने का फैसला लिया गया। न्याय चला निर्धन की ओर की धारणा का अनुपालन करते हुए राज्य के दुर्गम व दुरुस्त क्षेत्र के निर्धन व जरूरतमंदों को सुलभ व सस्ता न्याय दिलाने पर भी जोर दिया गया। बैठक में गरीब व जरूरतमंदों की सहायता के लिए प्राधिकरण को जनहित याचिका दायर करने का अधिकार प्रदान करने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। अब इस प्रस्ताव को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण भेजा जाएगा। वहां से अनुमोदन के बाद प्राधिकरण पीआइएल दाखिल कर सकेगा। यह प्रस्ताव मंजूर करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है।

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शनिवार को हाई कोर्ट सभागार में मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ व बागेश्वर के लिए अल्मोड़ा में, नैनीताल व चम्पावत के लिए नैनीताल में, पौड़ी गढ़वाल व चमोली के लिए पौड़ी में, टिहरी गढ़वाल व उत्तरकाशी के लिए टिहरी में तथा हरिद्वार के लिए हरिद्वार में लोक अदालत स्थापित करने का फैसला किया गया। इसका शासनादेश भी बैठक में प्रस्तुत किया गया। इन लोक अदालतों के लिए 30 पदों के सृजन का भी अनुमोदन किया गया। इसमें प्रत्येक में एक पीठासीन अधिकारी, एक मुंसरिम, एक आशुलिपिक, रीडर, दो चतुर्थ कर्मी शामिल हैं। देहरादून व ऊधमसिंह नगर जिले में पहले से लोक अदालत स्थापित हैं।

बैठक में दूरस्थ क्षेत्र के न्याय से वंचित नागरिक को मुफ्त कानूनी ज्ञान व कानूनी सहायता देने का निर्णय लिया गया। पैनल अधिवक्ता का शुल्क बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव बढ़ाने पर सहमति जताते हुए इसे विनियमावली में जोड़ा गया। वैकल्पिक मध्यस्थस्ता केंद्र के लिए 45.67 लाख बजट की मंजूरी प्रदान की गई। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव प्रशांत जोशी ने प्राधिकरण की ओर से आयोजित विधिक जागरूकता शिविरों समेत कानूनी ज्ञान प्रदान करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी बैठक में दी। बैठक में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस राजीव शर्मा, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष जस्टिस सुधांशु धूलिया, रजिस्ट्रार जनरल नरेंद्र दत्त, महाधिवक्ता वीबीएस नेगी, डीजीपी एमए गणपति, सचिव वित्त अमित नेगी, सचिव विधि एवं न्याय आलोक वर्मा, जिला जज एनएस धानिक व कुमकुम रानी, डीजी हेल्थ डॉ. डीएस रावत, एसएन बाबुलकर, डॉ संजीव शुक्ला, कमला जोशी, रीना नेगी, रमाकांत चौधरी आदि मौजूद थे।

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नौ राष्ट्रीय योजनाओं को मिलेगा सहयोग

नैनीताल : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण संचालित नौ स्कीमों से संबंधित विभागों द्वारा समन्वय बढ़ाया जाएगा। इसमें विक्टिम ऑफ ट्रेफिकिंग एंड कॉमरर्शियल सेक्सुअल एक्सप्लोइटेशन, लीगल सर्विस टू दी वकर्स इन दी अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर, चाइल्ड फ्रेंडली लीगल सर्विसेज टू चिल्ड्रन एंड देयर प्रोटेक्शन, इफेक्टिव इम्पलीमेंटेशन ऑफ पॉवर्टी एलीवेशन, प्रोटेक्शन ऑफ इन्फोर्समेंट ऑफ ट्राइबल राइट्स, लीगल सर्विस टू दी विक्टिम्स ऑफ ड्रग एब्यूज एंड इरेडिकेशन ऑफ ड्रग, लीगल सर्विस टू दी मेंटी इल एंड मेंटली डिसेबल्ड परसन्स, लीगल सर्विस टू विक्टिमस ऑफ एसिड अटैक्स तथा लीगल सर्विस टू सीनियर सिटिजन शामिल हैं।


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