गरीब छात्रों को बीच राह में मदद का धोखा
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश के गरीब विद्यार्थियों को सरकारी मदद देने की म
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश के गरीब विद्यार्थियों को सरकारी मदद देने की मंशा परवान चढ़ने से पहले ही हांफ गई है। सरकारी व निजी संस्थाओं के हजारों छात्र-छात्राओं को सरकार ने मदद के तौर पर मिलने वाली छात्रवृत्ति के नाम पर ठेंगा दिखा दिया है। आलम यह है कि पिछले साल के एससी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए भले एक अरब पांच करोड़ की जरूरत हो, लेकिन सरकार ने इस जरूरत के विपरीत महज 25 करोड़ रुपये देकर किनारा कर लिया है।
2.50 लाख रुपये वार्षिक आमदनी वाले परिवार के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में कमजोर आर्थिक स्थिति वाले एससी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए समाज कल्याण विभाग ने एक अरब पांच करोड़ प्रस्ताव शासन को भेजा था, लेकिन सरकार ने पूरा साल बजट के अकाल में ही गुजार दिया और मदद के नाम पर पहली किस्त में केवल आठ करोड़ 64 लाख रुपये ही मुहैया कराए। इतना ही नहीं वर्ष 2014-15 की छात्रवृत्ति के भी करीब 38 करोड़ रुपये सरकार ने अब तक नहीं दिए हैं। हालांकि गरीब विद्यार्थियों की ओर मुंह फेर सरकार ने हाल में पिछले साल का 16 करोड़ की दूसरी किस्त दी, लेकिन यह कुछ भी नहीं है। इस मदद से महरूम हजारों छात्रों की तरफ सरकार अब देखेगी, यह भी तय नहीं है।
पिछले साल एससी वर्ग के छात्रों को नहीं मिली इतनी मदद
जिला अवशेष वजीफा
नैनीताल 663.46 लाख
अल्मोड़ा 352.17 लाख
पिथौरागढ़ 200.00 लाख
बागेश्वर 108.73 लाख
चंपावत 139.78 लाख
यूएसनगर 1392.80 लाख
पौड़ी 146.88 लाख
टिहरी 214.64 लाख
चमोली 90.85 लाख
रुद्रप्रयाग 56.35 लाख
उत्तरकाशी 111.74 लाख
देहरादून 1789.74 लाख
हरिद्वार 5236.95 लाख
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कुल - 10504.10 लाख
आधार होगा तो मिलेगी छात्रवृत्ति
हल्द्वानी : अब विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति हासिल करने के लिए अनिवार्य रूप से आधार कार्ड जमा करना होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव प्रो. जसपाल एस संधू की ओर से सभी विश्वविद्यालयों को इस आशय के निर्देश जारी किए हैं। वर्ष 2016-17 सत्र के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है।
एससी वर्ग के विद्यार्थियों का करीब सवा अरब का बजट मिलना अवशेष है। हाल में पिछले साल का 16 करोड़ मिला था, उसे आवंटित कर दिया गया है। नई मांग के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
वीएस धानिक, निदेशक, समाज कल्याण