अस्पताल से लेकर सड़क तक बवाल
जागरण संवाददाता, नैनीताल : कार की टक्कर से एक छात्रा की मौत और चार अन्य छात्राओं के जख्मी होने से
जागरण संवाददाता, नैनीताल : कार की टक्कर से एक छात्रा की मौत और चार अन्य छात्राओं के जख्मी होने से गुस्साए छात्रों ने बुधवार को बीडी पांडे अस्पताल से लेकर मालरोड तक बवाल किया। बीडी पांडे अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए छात्र पीएमएस कक्ष में घुस गए और इस्तीफे की मांग उठाई। अस्पताल में समय से इलाज व एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं करने के लिए सीएमओ को जिम्मेदार ठहराया। प्रदर्शनकारियों ने मल्लीताल रिक्शा स्टैंड में करीब चार घंटे जाम लगाया। इसके चलते गाडि़यों को दूसरे रास्ते से निकाला गया।
डीएसबी के पूर्व व वर्तमान छात्र सुबह कैंपस गेट पर जमा हुए और फिर जुलूस के साथ बीडी पांडे अस्पताल पहुंचे। छात्रों ने जबर्दस्त हंगामा करते हुए पीएमएस डॉ. जीबी बिष्ट से इस्तीफा मांगा। पीएमएस व मल्लीताल कोतवाल को हटाने के लिए आधे घंटे का अल्टीमेटम दिया गया। यह मियाद खत्म होने के बाद भी जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो छात्रों की भीड़ रिक्शा स्टैंड में जमा हो गई। सड़क जाम कर दी गई। जाम लगाने के दौरान पीएमएस डॉ. बिष्ट के दफ्तर से बाहर आने पर छात्र उग्र हो गए। इस दौरान छात्रों की पुलिस कर्मियों से भी जमकर तकरार हुई। गुस्साए छात्रों ने ट्रैफिक बैरियर पलट दिए और फिर सड़क पर धरना शुरू हो गया।
एडीएम उदय सिंह राणा, एएसपी यशवंत चौहान समेत अन्य अफसरों ने प्रदर्शनकारियों को जाम खोलने को कहा पर वह सीएमओ को बुलाने पर अड़ गए। दोपहर एक बजे सीएमओ के तल्लीताल में जाम में फंसे होने की सूचना अफसरों ने प्रदर्शनकारियों को दी तो वह जाम खोलने को राजी हो गए। सीएमओ के मौके पर आते ही छात्रों ने सवालों की बौछार कर दी और सीएमओ निरुत्तर हो गए। आरोप लगाया कि गंभीर घायल छात्रा दो घंटे तक उपचार के लिए तड़पती रही, लेकिन एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं की गई। पुलिस ने हंगामा करने के बाद देर रात आरोपी व्यवसायी पुत्र के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।
इसी बीच कांग्रेस नगर अध्यक्ष मारुति साह, युकां नेता त्रिभुवन फत्र्याल ने स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र नेगी से फोन पर संपर्क कर हालात की जानकारी दी। मंत्री ने डीजी को कार्रवाई के लिए कहा। तभी सीएमओ ने निदेशक कुमाऊं कार्यालय से डीजी हेल्थ की ओर से भेजा गया आदेश मंगाया, जिसमें पूरे मामले की जांच का जिक्र था। इसी दौरान सीएमओ ने फैक्स पढ़ने के साथ टिप्पणी कर दी कि यदि प्रदर्शनकारी नहीं मानेंगे तो प्रशासन अपना काम करेगा। इस बात से छात्र भड़क गए। मामला बिगड़ता देख एडीएम ने सीएमओ को जल्द पीएमएस को हटाने की संस्तुति भेजने तथा एंबुलेंस की व्यवस्था का प्रस्ताव संबंधी पत्र लाने को कहा। करीब साढ़े तीन बजे सीएमओ पत्र लेकर पहुंचे और उन्होंने कहा कि पीएमएस को हटाकर निदेशक कुमाऊं कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. विनीता साह को चार्ज सौंपने की संस्तुति भेजने का जिक्र भी किया गया, तब जाकर जाम खुला। प्रदर्शनकारियों में छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष सचिन नेगी, सौरभ रावत, सूरज पांडे, पंकज भट्ट, नवीन भट्ट, रुचिर साह, निखिल बिष्ट, सौरभ बजाज, मनोज मनौला, दीपक जोशी, भाष्कर बोहरा, मोहित रौतेला, जीनू पांडे, सुनील मेहरा, रवि कन्याल, हरीश राणा, गौरव पांडे, गिरीश पपनै, देव सिंह बिष्ट, करन दनाई, प्रकाश जोशी, मनोज जगाती, मयंक नेगी।
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घटनाक्रम एक नजर में
-- 10.30 बजे-डीएसबी कॉलेज गेट पर जमा होने के बाद नारेबाजी करते छात्र बीडी पांडे अस्पताल पहुंचे। पीएमएस कक्ष में हंगामा
-- 11.19 बजे-पीएमएस डॉ. जीबी बिष्ट कार्यालय से बाहर आए, छात्रों ने सुनाई खरीखोटी।
-- 11.31 बजे मालरोड पर चक्काजाम शुरू
-- 11.45 बजे जाम की सूचना पर एडीएम उदय सिंह राणा, एसडीएम शिवचरण द्विवेदी, राकेश तिवारी, विनोद कुमार और एएसपी यशवंत चौहान रिक्शा स्टैंड पहुंचे।
-- 11.53 बजे- अफसरों की प्रदर्शनकारियों से वार्ता शुरू।
-- 12.05 बजे छात्रों की एडीएम से वार्ता विफल, फिर हंगामा।
-- 1.05 बजे सीएमओ के वार्ता के लिए पहुंचने पर खुला जाम
-- 1.20 बजे सीएमओ पहुंचे, उपचार में की गई कार्रवाई का ब्यौरा दिया
-- 1.30 बजे सीएमओ ने डीजी हेल्थ की ओर से भेजा गया फैक्स पढ़कर सुनाया, इसी दौरान टिप्पणी पर चढ़ा प्रदर्शनकारियों का पारा, फिर लगाया जाम
-- 3.30 बजे सीएमओ फिर पहुंचे, पीएमएस को हटाने व एंबुलेंस उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भेजने की संस्तुति देने का पत्र पढ़ा, जाम खुला
---इंसेट---
समर्थन में टूटी सियासी व वैचारिक बेडि़यां
आंदोलन में छात्रों ने वैचारिक व गुटीय बेडि़यों को तोड़ते हुए एकजुट होकर लचर स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए आवाज बुलंद की। यहां तक कि भाजपा-कांग्रेस के पदाधिकारियों ने दलीय निष्ठाओं को दरकिनार कर एकजुट होकर छात्रों की मांग का समर्थन दिया। आंदोलन में एकजुटता को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स ने संयम से काम लिया। दो बार पुलिस के बल प्रयोग की नौबत आई, लेकिन प्रशासनिक व पुलिस अफसरों ने शांतिपूर्ण समाधान करने के प्रयासों को अंजाम तक पहुंचाया। शहर के सैकड़ों लोगों ने आंदोलन स्थल पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को उत्साह बढ़ाया।