625 किमी. लंबा सफर करेंगे 90 साइकिलिस्ट
जागरण संवाददाता, नैनीताल : एशिया की सबसे लंबी दूरी वाली और उत्तराखंड की पहली हिमालयन माउंटेन बाइकिंग
जागरण संवाददाता, नैनीताल : एशिया की सबसे लंबी दूरी वाली और उत्तराखंड की पहली हिमालयन माउंटेन बाइकिंग चैलेंज साइकिल रेस का बुधवार को आगाज हुआ। साइकिल रेस में विभिन्न राज्यों से आये 90 साइकिलिस्ट कुमाऊं-गढ़वाल के पर्वतीय रास्तों से होते हुए 13 मई को मसूरी पहुंचेंगे। 625 किमी लंबी रेस में सबसे लंबा सफर नौ मई को 142 किमी का होगा। जीतने वाले प्रतिभागियों को 10 लाख 32 हजार रुपये के नकद ईनाम बांटे जाएंगे।
बोट हाउस क्लब में वित्तमंत्री डॉ. इंदिरा हृदयेश और संसदीय सचिव सरिता आर्या ने माउंटेन बाइकिंग चैलेंज का उद्घाटन किया। मंत्री ने कहा साइकिल रेस से उत्तराखंड को पूरे विश्व में पहचान मिलेगी। पहाड़ के लोगों का भी उत्साह बढ़ेगा। पर्यटन विभाग और साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित रेस का हिस्सा बनने के लिए 300 लोगों ने आवेदन किया था। जिनमें से 90 चुने गए।
उद्घाटन के बाद वित्तमंत्री ने साइकिलिस्टों को हरी झंडी दिखाई। पहले दिन नगर के चक्कर लगे और गुरुवार सुबह सात बजे साइकिलिस्टों की रेस शुरू होगी। अपर सचिव पर्यटन आशीष जोशी ने बताया कि माउंटेन बाइकिंग में असम, मणिपुर, केरल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हिमाचल, महाराष्ट्र, उत्तराखंड के साथ भारतीय सेना के साइकिलिस्ट भी शामिल हैं। रेस में शामिल प्रतिभागी अपनी साइकिलें लेकर आए हैं। महंगी और पहाड़ के सफर के लिए माकूल साइकिलों से एक घंटे में 25 किमी तक सफर तय किया जा सकता है। साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव ओंकार सिंह ने बताया कि प्रतिदिन प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा। अंतिम दिन सारे दिनों की तुलना को आधार मानते हुए विजेताओं की घोषणा होगी।
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--इंसेट---
ऐसे तय होगा सफर
==7 मई==
भवाली, खुटानी, पदमपुरी, धारी, धानाचूली, भटेलिया और क्वारब होते हुए अल्मोड़ा।
कुल दूरी 85 किलोमीटर
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==8 मई==
कोसी, सोमेश्वर, कौसानी, गरुड़, बैजनाथ होते हुए ग्वालदम।
कुल दूरी-125 किलोमीटर
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==9 मई==
ग्वालदम से वाया थराली, नारायणबगड़, सिमली, कर्णप्रयाग, खाल, देवर, पोखरी, मोहनखाल, कंकचौड़ी, दुर्गाधार, सेतराखाल होते हुए रुद्रप्रयाग।
कुल दूरी-142 किलोमीटर
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==10 मई==
रुद्रप्रयाग से तिलवाड़ा, बैनोली, मायाली, चिरबटिया, घनसाली, गडोलिया, पीपल डाली, टिपरी होते हुए नई टिहरी।
कुल दूरी-108 किलोमीटर
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==11 मई==
नई टिहरी में रुकेंगे और साइकिलों की मरम्मत का समय दिया जाएगा।
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==12 मई==
नई टिहरी से बडसाहीथौल, चंबा, कमन, कंडीसौड़ होते हुए चिन्यालीसौड़
कुल दूरी-79 किलोमीटर
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==13 मई==
गौड़गांव, मोरियाना, तिंगलिंग प्वाइंट, भावन, रोटों की बेली, सुवाखोली, बटाघाट होते हुए मसूरी में प्रवेश।
कुल दूरी-86 किलोमीटर
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==14 मई==
देहरादून में पुरस्कार वितरण
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---कोट--
उत्तराखंड साहसिक पर्यटन के लिए समृद्ध है। अन्य साहसिक प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देने के लिए पूरी कोशिश की जाएगी। साइकिलिंग को आने वाले समय में इंटरनेशनल इवेंट बनाया जाएगा।
-डॉ. इंदिरा हृदयेश, वित्त मंत्री
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---कोट---
हमने साइकिलिंग काफी कराई हैं, मगर एशिया में यह सबसे लंबी साइकिल रेस है। पूरा रास्ता पहाड़ों से होकर जाता है। खतरों के साथ रोमांच भी है। इनामी राशि भी एशिया की अब तक की सबसे बड़ी राशि है।
-ओंकार सिंह, महासचिव, साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया।
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