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गैस सब्सिडी के नाम पर 'लूट' रहीं कंपनियां

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : अगर आपको लगता है कि पेट्रोलियम कंपनियां आपको सब्सिडी दे रही हैं, और आपक

By Edited By: Published: Fri, 27 Feb 2015 01:47 AM (IST)Updated: Fri, 27 Feb 2015 01:47 AM (IST)
गैस सब्सिडी के नाम पर 'लूट' रहीं कंपनियां

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : अगर आपको लगता है कि पेट्रोलियम कंपनियां आपको सब्सिडी दे रही हैं, और आपको लुभाने के लिए गैस सिलेंडर में मिलने वाली सब्सिडी का पैसा आपके खाते में भेज दिया जा रहा है। इस बात पर आपको खुश होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि पेट्रोलियम कंपनियों की यह नीति आपके जेब में डाका डालने की है। आइए आगे जानते-समझते हैं इस पूरे खेल को।

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आप डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर ऑफ एलपीजी (डीबीटीएल) से जुड़ चुके हैं और गैस बुकिंग के बाद आप 651 रुपये गैस वितरक कंपनी को देते हैं। इसके बाद 202 रुपये आपके खाते में आ जाते हैं। इससे यह बात साबित हुई कि आपको गैस सिलेंडर 449 रुपये में मिलता है। जबकि इसके वास्तविक दाम 437.50 रुपये थे। इससे यह बात साबित हुई कि कंपनी ने आपसे 11.50 रुपये अधिक वसूल किए। साधारण तौर पर उपभोक्ताओं को तेल कंपनियों का यह गणित समझ में नहीं आ रहा है। कंपनी ने उपभोक्ताओं को अपने गणित में फंसाने के लिए एक और चालाकी की है। इसमें कंपनी पहले ही उपभोक्ताओं के खाते में 568 रुपये भेज दे रही है। निश्चित तौर पर गरीब उपभोक्ता इस पैसे से गैस सिलेंडर ले सकेगा, लेकिन आम उपभोक्ताओं की जेब में किस तरह डाका पड़ रहा है, यह आप समझ गए होंगे।

इधर इंडेन गैस का वितरण कर हरे केएमवीएन के अधिकारी मान रहे हैं कि शायद डीबीटीएल की प्रोसेस के लिए ही कंपनी यह पैसा ले रही होगी। इस बारे में भारत गैस के मैनेजर अर्पित का कहना था कि पेट्रोलियम मंत्रालय से ही दाम निर्धारित होते हैं। इसमें कंपनी कुछ नहीं कर सकती। लेकिन यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि तेल कंपनियों के गैस व पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने व बढ़ाने पर सरकार का सीधा कोई नियंत्रण नहीं रह गया है।

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नहीं सुधरी व्यवस्था

लाख कोशिश के बाद भी गैस सिलेंडर लेने के लिए उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बुकिंग करने के बाद भी उन्हें गैस समय पर नहीं मिल रही है। यहां तक डीबीटीएल से जुड़े होने के बाद भी सब्सिडी लेने के लिए भी ह वभटक रहे हैं।

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सिलेंडर मिला नहीं मैसेज में डिलीवरी

एक और अजीबोगरीब स्थिति से उपभोक्ता असंमजस में पड़ जा रहे हैं। बिना गैस सिलेंडर लिए ही, डिलीवर्ड होने का मैसेज उनके मोबाइल पर आ रहा है। केएमवीएन के प्रबंधक जीएस बिष्ट इसे तकनीकी दिक्कत बता रहे हैं। पर इससे उपभोक्ताओं का तनाव बढ़ जा रहा है।

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आइओसी के नियम से अंजान एजेंसी संचालक

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की ओर से रेट बढ़ाए जाने को लेकर इंडेन गैस एजेंसी के प्रबंधक जीएस बिष्ट ने बताया कि कंपनी किस आधार पर रेट निर्धारित कर रही है, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

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काठगोदाम का ठेकेदार बांटेगा गैस!

हल्द्वानी में सबसे अधिक उपभोक्ता इंडेन के हैं। घरेलू कनेक्शन की संख्या 44 हजार है और कामर्शियल उपभोक्ताओं की संख्या केवल 491। इसके लिए ठेकेदार की व्यवस्था नहीं होने पर अब काठगोदाम क्षेत्र के ठेकेदार से गैस बंटवाने की तैयारी चल रही है।


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