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योग पर 500 करोड़ खर्च करेंगे बाबा रामदेव

दैनिक जागरण से हुई विशेष बातचीत में योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि वह योग-आयुर्वेद पर शोध के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। इसका उद्देश्य देश को रोगों से मुक्ति दिलाना है।

By sunil negiEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2016 12:40 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2016 01:09 PM (IST)
योग पर 500 करोड़ खर्च करेंगे बाबा रामदेव

हरिद्वार, [जेएनएन]: योगगुरु बाबा रामदेव योग-आयुर्वेद पर शोध के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च करेंगे। उद्देश्य है, देश को मधुमेह व हृदय रोग जैसे रोगों से मुक्ति दिलाना। पतंजलि योगपीठ जल्द ही योग पर शोध के लिए अत्याधुनिक संस्थान की स्थापना कर काम शुरू करने जा रहा है। यह जानकारी योगगुरु बाबा रामदेव ने दैनिक जागरण से हुई विशेष बातचीत में दी।
उन्होंने बताया कि योग और आयुर्वेद न सिर्फ दिल की बीमारियों, मधुमेह सहित विभिन्न गंभीर रोगों के नियंत्रण में कारगर है, बल्कि इसमें इनका शत-प्रतिशत इलाज भी संभव है। योग को नित्य करने से व्यक्ति निरोग तो रहता ही है, बल्कि उसे तमाम बीमारियों से भी छुटकारा मिला रहता है। पर, अब वे यह चाहते हैं कि देश में कोई भी बीमारी से पीड़ित न हो। बताया कि देश को मधुमेह और हृदय रोग से मुक्त करने की दिशा में वह पिछले काफी समय से शोध कर रहे हैं। योग के जरिये रोगों को दूर भगाने के उपाए पर शोध तो किया ही जायेगा, इसे आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के सिद्धांतों की कसौटी पर कसकर इनके संबंध में विश्व भर में फैली या फैलाई गई भ्रांतियों को दूर भी किया जाएगा।

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दावा किया कि विश्व का ऐसा कोई भी रोग नहीं है, जिसका इलाज योग के जरिये न हो सके। बस, इस पर पूरे मनोयोग से काम करने की आवश्यकता है। आरोप लगाया कि बाजारवाद पर हावी कंपनियां अपने निजी फायदे के लिए इस तरह की भ्रांति फैलाकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की बजाय इलाज के लिए डराती हैं, जबकि योग बिना किसी खर्च के लोगों को निरोग बनाता है।

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संस्थागत रूप से योग को बढ़ावा देने को कर रहे कोशिश
योगगुरु बाबा रामदेव ने बताया कि अब उनकी कोशिश योग को संस्थागत रूप में बढ़ावा देने की है। इसके जरिये वह विभिन्न शैक्षिक संस्थाओं, सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों, उद्योगों, सेना, अर्द्धसैनिक बलों, पुलिस और अन्य सामाजिक व नागरिक संगठनों में कार्यरत कर्मियों के लिए नियमित योग करने की व्यवस्था करने की कोशिश में लगे हुए हैं। बताया कि ऐसा होने पर लोगों की न सिर्फ कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि उनमें कार्यकुशलता का भी विकास होगा। अपने इस अभियान को बाबा ने 'योग और कर्मयोग' का नाम दिया है। कहा कि उनका प्रयास है कि आने वाले दिनों में योग इतना और इस कदर प्रचार हो कि हर भारतीय घर की सुबह योग के साथ हो।

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