कांवड़ में रेलवे मालामाल, रोडवेज को मलाल
संवाद सहयोगी, हरिद्वार : कांवड़ मेले में जहां रेलवे मालामाल हो गया वहीं रोडवेज को चपत लग
संवाद सहयोगी, हरिद्वार : कांवड़ मेले में जहां रेलवे मालामाल हो गया वहीं रोडवेज को चपत लगी है। आय के साथ ही रेलवे के दैनिक यात्रियों की संख्या भी बढ़ी है जिसके चलते रेलवे के अधिकारियों के चेहरे खिले हुये हैं। वहीं रोडवेज के अधिकारी मेले में लगी चपत की भरपाई करने में जुटे हैं।
10 जुलाई से शुरू हुई कांवड़ यात्रा के दौरान 21 जुलाई तक करीब पौने चार करोड़ कांवड़ियों का धर्मनगरी में आगमन हुआ। रेलवे की ओर से कांवड़ यात्रा में मेला स्पेशन के नाम से आधा दर्जन अतिरिक्त ट्रेनें चलाई गई थी। वहीं उत्तराखंड परिवहन निगम की ओर से चंडीघाट, ऋषिकुल मैदान, दूधाधारी चौक मैदान आदि से बसों का संचालन अलग-अलग रूटों से किया गया। मेले के आखिरी तीन दिन में परिवहन निगम की बसों का शहर में प्रवेश बंद कर दिया गया था। हरिद्वार-रुड़की के बीच आखिरी के तीन दिन एक भी बस का संचालन नहीं हो सका जिसके चलते रोडवेज को 12 दिन में करीब 24 लाख रुपये की चपत लगी। आम दिनों में रोडवेज का लक्ष्य 12.93 लाख रुपये प्रतिदिन होता है लेकिन, कांवड़ मेले में रोडवेज ने प्रतिदिन 10 लाख से अधिक आय की।
दूसरी ओर रेलवे की आय में जहां 25.50 फीसद की वृद्धि हुई, वहीं यात्रियों की संख्या में भी रेलवे को करीब 22 फीसद की वृद्धि हुई। रेलवे को आम दिनों में करीब 11 हजार यात्रियों के आगमन व प्रस्थान से करीब 10 लाख रुपये की आय होती है। स्टेशन अधीक्षक एमके सिंह ने बताया कि कांवड़ मेले के दौरान रेलवे को प्रतिदिन 20 हजार से अधिक यात्रियों के आगमन व प्रस्थान के चलते 20 लाख से अधिक की आय हुई।
वहीं रोडवेज हरिद्वार डिपो के सहायक महाप्रबंधक एसएस चौहान का कहना है कि कांवड़ मेले में रूट डायवर्ट होने के चलते बसों का संचालन अस्थायी पार्किंग से कराया गया। कई रूटों पर बसों का संचालन भी नहीं हो सका जिसके चलते रोडवेज की आय में कमी आई है।
रेलवे को हुई आय के आंकड़े
यात्रियों की संख्या आय
2,31,963 1,73,99,434
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रोडवेज को हुई आय के आंकडे़
यात्रियों की संख्या आय
30,521 93,40,340
(नोट-दोनों आंकड़े 10 जुलाई से 21 जुलाई तक के हैं।)