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कोतवाली में ही कैद हो गई महिला चीता

जागरण संवाददाता रुड़की : महिलाओं की सुरक्षा कैसे होगी जब सुरक्षा करने वाले ही कोतवाली में कैद होकर रह

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Aug 2017 08:44 PM (IST)Updated: Mon, 07 Aug 2017 08:44 PM (IST)
कोतवाली में ही कैद हो गई महिला चीता
कोतवाली में ही कैद हो गई महिला चीता

जागरण संवाददाता रुड़की : महिलाओं की सुरक्षा कैसे होगी जब सुरक्षा करने वाले ही कोतवाली में कैद होकर रह गए। महिलाओं के लिए शुरू की गई चीता अभी तक सड़क पर नहीं उतरी है। दरअसल, कोतवाली में इन्हें चलाने के लिए महिला कांस्टेबल ही नहीं हैं। जो हैं भी तो वह अन्य काम कर रही हैं। जिसके चलते पुलिस को मिले यह नए चीता वाहन कोतवाली में ही जंग खा रहे हैं।

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पुलिस मुख्यालय की तरफ से हरिद्वार और रुड़की शहर के लिए महिला चीता पुलिस की शुरुआत की गई थी, करीब तीन माह पहले डीजीपी ने हरी झंडी दिखाते हुए महिलाओं की सुरक्षा और शिकायतों के निस्तारण के लिए महिला चीता सड़क पर उतारी थी, रुड़की की दोनों कोतवाली में महिला चीता पुलिस के लिए दो-दो स्कूटी दी गई थी, जिस पर चार महिला कांस्टेबल की तैनाती होनी थी, चौंकाने वाली बात यह है कि रुड़की में यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई है। महिला चीता पुलिस को शहर के स्कूलों के आसपास, बाजारों और को¨चग सेंटर के बाहर गश्त करनी थी और 1090 फोन नंबर पर आने वाली शिकायतें, घरेलू उत्पीड़न के मामलों में भी घर-घर जाकर चीता को महिलाओं की समस्या सुननी थी, लेकिन आज तक महिला चीता पुलिस कोतवाली से बाहर नहीं आ पाई। रुड़की कोतवाली में मात्र चार महिला कांस्टेबल हैं। जिसमें से तीन कंप्यूटर और एक महिला कांस्टेबल कार्यालय में तैनात है, वहीं गंगनहर में भी तीन महिला कांस्टेबल कार्यालय और कंप्यूटर पर तैनात है। चीता वाहन के लिए कोतवाली पुलिस के पास कोई महिला कांस्टेबल नहीं है।

तीना माह में महिला उत्पीड़न के 43 मामले

रुड़की : शहर की दोनों कोतवाली में छह माह के भीतर छेड़छाड़ के 43 मामले हुए हैं। कई मामले तो बाहर से बाहर ही निपट जाते हैं, लेकिन कई मामलों में मुकदमे हुए हैं, इसके अलावा हर दिन कोतवाली में पति पत्नी के विवाद भी होते है। महिलाओं को अपनी शिकायत दर्ज कराने से लेकर कार्रवाई कराने के लिए कोतवाली के चक्कर काटने पड़ते है। अपने बयान दर्ज कराने के लिए महिलाओं को खुद ही कोतवाली में आना पड़ता है।

वर्जन

शहर में यदि महिला चीता वाहन नहीं चलाई जा रही है तो यह मामला गंभीर है, महिला कांस्टेबल नहीं है तो पुरुष कांस्टेबल को चीता वाहन पर तैनात किया जाना चाहिए। पुरुष कांस्टेबल ही महिलाओं से जुड़ी सभी समस्याएं सुनेंगे। इसके लिए कोतवाली प्रभारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं।

कृष्ण कुमार वीके, एसएसपी, हरिद्वार


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