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शिक्षा के मंदिर में फेंक रहे कूड़ा

जागरण संवाददाता, रुड़की: विद्यालयों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, लेकिन विद्यालयों को भी गंदा करने

By Edited By: Published: Thu, 16 Oct 2014 07:21 PM (IST)Updated: Thu, 16 Oct 2014 07:21 PM (IST)

जागरण संवाददाता, रुड़की: विद्यालयों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, लेकिन विद्यालयों को भी गंदा करने से आमजन नहीं चूक रहे हैं। सब्जी मंडी में सब्जियों का कारोबार करने वाले लोग सड़ी-गली सब्जियों को कूड़ेदान में न डालकर विद्यालय में फेंक रहे हैं। स्थानीय लोग छत से ही कूड़े की थैली बंद पड़े राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर 13 में ढेर लगा रहे हैं। इससे प्राथमिक विद्यालय 4 में व राजकीय विद्यालय में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे गंदगी व दुर्गध झेलने को मजबूर हैं।

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जानकारी के अनुसार वार्ड नंबर नौ में राजकीय प्राथमिक विद्यालय 4 है, यहां कक्षा एक से पांचवी तक 81 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। विद्यालय के पास ही प्राथमिक विद्यालय नंबर 13 है। फिलहाल विद्यालय 13 बंद है,ज हां आंगनबाड़ी केंद्र चलाया जाता है। इन विद्यालय परिसर को साफ रखने के लिए जहां विद्यालय के शिक्षक समय-समय पर साफ-सफाई कराते हैं, वहीं स्थानीय लोग विद्यालय में गंदगी फेंककर शिक्षा के मंदिर को गंदा कर रहे हैं। विद्यालय की हेडमास्टर शमा परवीन ने बताया कि सुबह आने पर परिसर में सड़ी-गली सब्जियां, पॉलीथिन में कूड़ा व गंदगी के ढेर मिलते हैं। साफ-सफाई को बजट का प्रावधान नहीं है, जिस कारण निजी खर्च पर साफ-सफाई कराई जाती है। आंगनबाड़ी केंद्र की संचालिका ममता गिरि ने बताया कि मना करने के बावजूद भी विद्यालय परिसर में स्थानीय लोग गंदगी डालते हैं। कई बार लोगों से कहासुनी भी हुई, लेकिन कूड़ा डालना बंद नहीं हो सका है। विद्यालय की छत पर भी कूड़े की पॉलीथिन जमा हैं। विद्यालय बंद है, जिस कारण साफ-सफाई का अभाव है। अगस्त में एक हजार रुपये खर्च कर साफ कराई थी। उसके बाद दोबारा से घास, गंदगी जमा हो गई है। लोग केंद्र के गेट पर ही गंदगी डाल जाते हैं। एसएनए उत्तम सिंह नेगी ने बताया कि स्वच्छ भारत के मिशन के लिए आमजन को जिम्मेदारी समझनी होगी। विद्यालय में कूड़ा डालना सही नहीं है। गंदगी से बच्चे बीमार हो सकते हैं।

गंदगी के कारण दबा हैंडपंप

बंद पड़े राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर 13 में हैंडपंप लगा है। इस हैंडपंप का प्रयोग आंगनबाड़ी कार्यकत्री बच्चों के लिए करती थी, लेकिन गंदगी व कूड़ा-कबाड़ी व मिट्टी पूर्व में डाली गई। इस कारण हैंडपंप का काफी हिस्सा गंदगी में दब गया है। हैंडपंप प्रयोग न होने के कारण बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था विद्यालय परिसर से बाहर जाकर करनी पड़ती है।

'विद्यालय मंदिर होता है। विद्यालय में गंदगी फेंकना सही नहीं है। आमजन को भी घर की तरह विद्यालय को साफ रखने में योगदान देना चाहिए। सफाई को लेकर विद्यालय प्रबंधन को भी ध्यान देना होगा। '

दिनेश गोस्वामी, सब्जी मंडी चौक

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'विद्यालय में सड़ी-गली सब्जी व टोकरी फेंकना गलत है। गंदगी के कारण बच्चे खेल नहीं पाएंगे। विद्यालय को गंदा करने के बजाय साफ रखना चाहिए। कूड़े व गंदगी को कूड़ेदान में डालें।

विवेक शर्मा, सब्जी मंडी चौक

विद्यालय में हमारे ही बच्चे पड़ते हैं। ऐसे में विद्यालय को गंदा करना समझ से परे है। आम जन को कूड़ा डालने से यह सोचना चाहिए कि विद्यालय में कूड़ा डालने से बच्चे बीमार हो सकते हैं।

विपिन शर्मा, आदर्श नगर

स्वच्छ भारत के लिए आमजन को जागरूक होना होगा। घर से कूड़ा लाकर विद्यालय परिसर में न फेंका जाए। गंदगी होने से बच्चे व शिक्षकों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

वरीस, नगला मेहवड़


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