अलविदा जुमा की नमाज को लेकर मुस्लिम समाज में दिखा उत्साह
जागरण संवाददाता, रुड़की: शुक्रवार को पाक माह रमजान के अलविदा जुमा की नमाज अदा की गई। शहर के अलावा आसप
जागरण संवाददाता, रुड़की: शुक्रवार को पाक माह रमजान के अलविदा जुमा की नमाज अदा की गई। शहर के अलावा आसपास के देहात क्षेत्र की मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए नमाजियों की भारी भीड़ रही। इस दौरान नमाजियों ने देश की खुशहाली, कौम की तरक्की, अमन, चैन, आपसी सौहार्द और भाईचारे की दुआ मांगी। वहीं सुरक्षा की ²ष्टि से मस्जिदों के आसपास पुलिस बल तैनात रहा।
अलविदा जुमा की नमाज को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। शहर की प्रमुख जामा मस्जिद में मौलाना अजहरूल हक ने अपना बयान पेश किया और कारी कलीमुद्दीन ने जुमे की नमाज पढ़ाई। अपने खिताब में मौलाना अजहरूल हक ने कहा कि अब रमजान का तीसरा और आखिरी अशरा चल रहा है। इस अशरे में शब कद्र की रात की बड़ी अहमियत है। शब कद्र अल्लाह की तरफ से मुसलमानों पर एक अजीम तोहफा है। इन रातों में जितनी इबादत हो जाए कम है। मुफ्ती मुहम्मद सलीम व मौलाना अरशद कासमी ने कहा कि इस्लाम में नमाज के बाद जकात का बड़ा महत्व है। जकात का अर्थ पाकिजा (शुद्धता) है। हमें गरीबों, मजलूमों और बेसहारा लोगों की भी रमजान में अधिक से अधिक मदद करनी चाहिए। ताकि वे भी हमारे साथ ईद की खुशियों में शामिल हो सके। सिविल लाइंस मस्जिद में ईमाम जावेद आलम ने जुमा की नमाज से पहले अपने बयान में रमजान के आखिरी अशरे पर प्रकाश डाला। इसके अलावा कारी मजाहिर हुसैन, मौलाना नसीम कासमी, मौलवी मुहम्मद हारुन, मौलाना मुहम्मद युसुफ, कारी शमीम अहमद, मौलाना मुसर्रत अली, कारी नफीस अहमद आदि ने अलग-अलग मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा करवाई। उधर, जामा मस्जिद में सत्ताइसवें रमजानुल मुबारक के मौके पर कलाम पाक पूरा हुआ। इस दौरान मौलाना अरशद कासमी ने सभी को मुबारकबाद पेश की। इस अवसर पर समाज सेवी मुजीब मलिक, मुनव्वर हुसैन, शहर काजी अमीर अहमद, शायर अफजल मंगलौरी, डा. इरशाद मसूद, मौफीक अहमद, अहमद अली, जलीलुर्रहमान खान, जाकिर, मोहसीन खान, मौलवी जमील अहमद, महसूद अली, नवेद अली, इमरान देशभक्त आदि उपस्थित रहे।
खुशहाली की दुआ मांगी
कलियर: जामा मस्जिद में कारी साउद साबरी ने नमाज अदा करवाते हुए मुल्क और कौम की खुशहाली की दुआ मांगी। इस दौरान सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए। बाद में रोजेदारों को फल और खजूर आदि भी वितरित किए गए।