कुलपति की 60 हजारी कुर्सी के समर्थन में छात्र
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: उत्तराखंड संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. पियूषकांत दीक्षित की 60 हजारी कुर्
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: उत्तराखंड संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. पियूषकांत दीक्षित की 60 हजारी कुर्सी के समर्थन में छात्र भी उतर पड़े हैं। छात्र संघ पदाधिकारियों ने बैठक कर इस मामले में अखबारों में छपी खबरों का विरोध किया। कहा कि कुर्सी कुलपति के निजी पैसे से आई है, इसलिए किसी को उस पर सवाल उठाने का हक नहीं है।
संस्कृत विवि छात्रसंघ अध्यक्ष की ओर से गुरुवार को बैठक के बाद कुलपति के समर्थन में बयान जारी किया गया। कहा गया कि बैठक में छात्रों ने एक स्वर से कुलपति और उनकी कुर्सी को अपना समर्थन दिया। साथ ही इस प्रकरण को विवि की छवि खराब करने वाला बताया। बैठक में अध्यक्ष अनूप बहुखंडी, पूर्व अध्यक्ष शिवचरण नौडियाल, छात्र नेता धर्म भारद्वाज, महासचिव ललित शर्मा, विवि प्रतिनिधि हरीश जोशी, उपाध्यक्ष आशीष सेमवाल, कोषाध्यक्ष आशीष पोखरियाल, चेतन शर्मा, अमित व विमल बडोनी आदि शामिल थे।
उधर, कुलपति प्रो. पियूषकांत दीक्षित गुरुवार को सुबह विवि पहुंचे और सीधे अपने कार्यालय में चले गए। उनके कार्यालय की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है और किसी अनजान व्यक्ति को नहीं जाने दिया जा रहा है।
गुरुवार को उनके कार्यालय में अन्य किसी को मोबाइल फोन या कैमरा ले जाने की इजाजत नहीं थी। मीडिया कर्मियों को तो कार्यालय तक जाने ही नहीं दिया जा रहा था। विवि के वित्त नियंत्रक तहसीन अली ने बताया कि कुलपति प्रो. पियूष कांत दीक्षित की ओर से ब्रांडेड कुर्सी की कीमत का 60 हजार रुपये का चेक उन्हें मिल गया है और उसे भुगतान के लिए बैंक में लगा दिया गया है। बुधवार को यह चेक विवि के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी को कुलपति प्रो. पियूष कांत अवस्थी ने भेजा था।