गन्ना समिति को किसानों के बजाय अपने कर्ज की ¨चता
जागरण संवाददाता, रुड़की: इकबालपुर गन्ना समिति को गन्ना किसानों का भुगतान दिलवाने के बजाय अपने कर्ज की
जागरण संवाददाता, रुड़की: इकबालपुर गन्ना समिति को गन्ना किसानों का भुगतान दिलवाने के बजाय अपने कर्ज की ज्यादा ¨चता सता रही है। ऐसे में गन्ना समिति अब चीनी मिल पर बकाया गन्ना किसानों का भुगतान करने के लिए दबाव बना रही है। माना जा रहा है कि चीनी मिल ने भी इसके लिये हामी भर दी है।
गन्ना किसान सहकारी समितियों के माध्यम से चीनी मिलों को गन्ने की आपूर्ति करते हैं। इसके एवज में चीनी मिलों को गन्ना मूल्य पर कमीशन मिलता है। साथ ही सहकारी समितियां किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक एवं कृषि उपकरणों पर कर्ज भी देती है, जिसे गन्ना भुगतान होने पर ब्याज सहित वसूली भी की जाती है। इस बार इकबालपुर चीनी मिल की ओर से किसानों को चार दिसंबर 2016 तक आपूर्ति किए गए गन्ने का ही भुगतान दिया गया है। चीनी मिल पर किसानों का 46 करोड़ रुपये बकाया है। गन्ना किसान बकाया भुगतान के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं। कई बार इस बारे में शिकायत की जा चुकी है, लेकिन चीनी मिल की ओर से किसानों का भुगतान देने में हीलाहवाली बरती जा रही है। इकबालपुर गन्ना समिति को भी किसानों के बजाय अपने कर्ज की ही ¨चता सता रही है। इसलिए गन्ना समिति ने उन किसानों की सूची तैयार कर ली है जिन पर गन्ना समिति का बकाया है और मिल की ओर से भुगतान नहीं किया गया है। इन किसानों का भुगतान प्राथमिकता से कराया जाएगा। दूसरी ओर इकबालपुर गन्ना समिति के सचिव प्रदीप कुमार वर्मा ने बताया कि इससे किसानों को भी लाभ मिलेगा। किसानों को अनावश्यक ब्याज नहीं देना पड़ेगा। साथ ही किसानों को आगामी फसल के लिए समय से खाद, बीज आदि ले सकेंगे।