1750 बच्चों को नहीं मिली प्रवेश में प्रतिपूर्ति
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: प्रदेश सरकार के बदलने के बाद भी आरटीई के तहत पब्लिक स्कूलों में कोटे की 2
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: प्रदेश सरकार के बदलने के बाद भी आरटीई के तहत पब्लिक स्कूलों में कोटे की 25 फीसद सीटों पर प्रवेश पाने वाले हरिद्वार के 1750 छात्र-छात्राओं को इस साल शिक्षा प्रतिपूर्ति नहीं मिल सकी है। जनपद को इसके लिए करीब 9.73 लाख रुपये की दरकार है। ऐसे में यदि यह धनराशि जनपद को नहीं मिली तो बच्चों के समक्ष एडमिशन का संकट खड़ा हो सकता है।
दरअसल, प्रदेश में वर्ष 2011-12 में शिक्षा अधिकार अधिनियम को लागू किया गया। इसके अंतर्गत प्रत्येक गरीब एवं अपवंचित वर्ग के बच्चों को पब्लिक स्कूलों में कोटे की 25 फीसद सीटों पर दाखिला कराना होता है। इस पर प्रत्येक पब्लिक स्कूलों को केंद्र एवं प्रदेश सरकार की ओर से शिक्षा प्रतिपूर्ति का लाभ सुनिश्चित कराया जाता है। इसमें प्रति छात्र को चार सौ रुपये यूनीफार्म, 150 रुपये किताब और 5.74 रुपये मीड-डे मील शामिल है। इसका प्रारूप में भरकर पब्लिक स्कूलों के स्तर से शासन को उपलब्ध कराना होता है। इसके बाद यह शिक्षा प्रतिपूर्ति प्रदान की जाती है। सत्र 2016-17 में जनपद में नामांकित 357 पब्लिक स्कूलों में 1750 बच्चों ने दाखिला लिया, लेकिन इन बच्चों को प्रदेश सरकार के बदलने के बाद भी शिक्षा प्रतिपूर्ति का लाभ अभी तक नहीं उपलब्ध हो पाया है। हालांकि इन छात्रों को इसका लाभ निर्धारित सत्र के दौरान ही स्कूलों को भेजने का प्रावधान है। जबकि अब नए सत्र 2017-18 में आरटीई के तहत प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नियमानुसार इन बच्चों की शिक्षा प्रतिपूर्ति का शत प्रतिशत केंद्र को वहन करना था, लेकिन न तो अभी तक केंद्र की ओर से और न ही प्रदेश सरकार की ओर से ही वहन किया गया। ऐसे में शिक्षा प्रतिपूर्ति समय पर न मिलने से अब गरीबों के बच्चों को स्कूलों के स्तर से कार्रवाई शुरू कर दी। विभागीय सूत्रों के अनुसार यह स्कूल नए सत्र में बच्चों को एडमिशन लेने तक इंकार कर रहे हैं। सामान्यतया देखा जाए तो जनपद के 357 पब्लिक स्कूलों को करीब 9.73 लाख रुपये की प्रतिपूर्ति की जानी है।
200 पब्लिक स्कूल नामित
-आरटीई के तहत सत्र 2017-18 में गरीब व अपवंचित वर्ग के बच्चों के लिए जनपद स्तर पर फिलहाल दो सौ पब्लिक स्कूलों को नामित किया गया है। जहां छात्रों को आवेदन करना है। इसके बाद इन स्कूलों के स्तर से एडमिशन दाखिला दिया जाएगा। विभाग के मुताबिक कोटे के लाभ पाने के लिए अभी तक 3000 बच्चों ने संबंधित ब्लॉकों में आवेदन किया है।
-शिक्षा प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है, लेकिन अभी तक शासन स्तर से धनराशि नहीं उपलब्ध कराया गया। इस कारण इस सत्र में समस्या उत्पन्न हुई है। हालांकि पब्लिक स्कूलों को कोटे के तहत बच्चों के एडमिशन लेने का सख्त आदेश दिया है।
डॉ. पुष्पारानी वर्मा, प्रभारी मुख्य शिक्षा अधिकारी।