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अब बैंकों में स्वाइप मशीनों का भी टोटा

जागरण संवाददाता, रुड़की: 500 और 1000 के नोट बंद करने के बाद केंद्र सरकार की ओर से कैशलेस ट्रांजेक्शन

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2016 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2016 01:00 AM (IST)
अब बैंकों में स्वाइप मशीनों का भी टोटा

जागरण संवाददाता, रुड़की: 500 और 1000 के नोट बंद करने के बाद केंद्र सरकार की ओर से कैशलेस ट्रांजेक्शन पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन जिस तरह से नोटबंदी के बाद शिक्षानगरी में बैंक और एटीएम में कैश की किल्लत हो गई है, उसी तरह से स्वाइप मशीन का भी टोटा हो गया है। ऐसे में चाहते हुए भी कई व्यापारी कैशलेस ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया को नहीं अपना पा रहे हैं।

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देश में सरकार की ओर से कैशलेस सोसाइटी की जो मुहिम छेड़ी है। उसका शहर में असर देखने को मिल रहा है। वर्तमान में कैश के संकट को देखते शहर के कई दुकानदारों ने बैंकों में स्वाइप मशीन के लिए आवेदन कर दिया है। इनकी संख्या लगभग ढाई सौ से अधिक है, लेकिन एकाएक स्वाइप मशीन की मांग में उछाल आने से बैंकों के पास इनका भी अभाव हो गया है। यही वजह है कि कई व्यापारियों और दुकानदारों 15-20 दिन पहले स्वाइप मशीन के लिए आवेदन किया, पर अभी तक मशीन नहीं मिल सकी है। सिविल लाइंस स्थित एसबीआइ की मुख्य शाखा में नोटबंदी के बाद से करीब 100 लोगों ने स्वाइप मशीन के लिए आवेदन किया है। इनमें से बैंक ने केवल 25 लोगों को ही मशीन उपलब्ध करवाई जा सकी है। पीएनबी बीटी गंज में जहां इस मशीन के लिए आवेदन करने वालों की संख्या 46 है। वहीं अब तक केवल 12 आवेदकों को ही मशीन मिल सकी है। इसी तरह से पीएनबी सिविल लाइंस में 20 में से चार को ही मशीन दी गई हैं तो एसबीआइ बीटीगंज ने भी नोटबंदी के बाद से मशीन की कमी होने से आवेदन करने वालों को मशीन नहीं दी जा सकी है।

प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के महासचिव नवीन गुलाटी के अनुसार उन्होंने 15 दिन पहले एक बैंक में स्वाइप मशीन के लिए आवेदन किया था, लेकिन अभी तक मशीन नहीं मिल सकी है। उनके जैसे ही सैकड़ों व्यापारियों ने इसके लिए आवेदन किया है। अभी तक केवल गिने-चुने लोगों को मशीन दी गई है। व्यापारी दीपक अरोड़ा के अनुसार उन्होंने एक सप्ताह पहले मशीन के लिए आवेदन किया है। बैंक अधिकारियों के अनुसार इस माह मशीन आने की कोई उम्मीद नहीं है। वे कहते हैं कि नोटबंदी के बाद से बाजार ठप हो गया है। कुछ ग्राहक कार्ड से भुगतान चाहते हैं लेकिन अभी तक मशीन नहीं मिलने से दिक्कत हो रही है।

बैंक अधिकारियों का तर्क

नोटबंदी के बाद एकाएक स्वाइप मशीन की मांग बढ़ने से मशीन की कमी हो गई है। अब तक करीब 100 लोग स्वाइप मशीन के लिए आवेदन कर चुके हैं। 25 लोगों को मशीन दी जा चुकी है। इस सप्ताह 15 से 16 आवेदकों को मशीन उपलब्ध करवा दी जाएगी।

जयशंकर, मुख्य प्रबंधक एसबीआइ मुख्य शाखा सिविल लाइंस

फिलहाल कैश की कमी होने के कारण लोगों का रुझान कैशलेस ट्रांजेक्शन की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में स्वाइप मशीन की मांग में वृद्धि हुई है। मांग बढ़ने से मशीन की कमी हो गई है।

मोहन भट्ट, सहायक महाप्रबंधक पीएनबी सिविल लाइंस


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