भारत को जानने निकले पूर्वोत्तर के छात्र
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : पूर्वोत्तर राज्यों के 40 विद्यार्थियों का दल गुरुवार को हरिद्वार पहुंचा।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : पूर्वोत्तर राज्यों के 40 विद्यार्थियों का दल गुरुवार को हरिद्वार पहुंचा। गुरुकुल कांगड़ी में उनका भव्य स्वागत किया गया, हाथ ही उन्हें देवभूमि की संस्कृति से रूबरू कराया गया। उन्हें गुरुकुल के इतिहास से परिचित कराने के साथ ही पाठ्यक्रमों की जानकारी भी दी गई। दल हरिद्वार, देहरादून, कुल्लू, मनाली, अमृतसर, कुरूक्षेत्र, अजमेर होते हुए 23 दिसंबर को इंदौर पहुंचेगा, जहां अभाविप के 62वें राष्ट्रीय अधिवेशन में इस अभियान का समापन होगा।
दल के सदस्यों का स्वागत करते हुए हरिद्वार विधायक मदन कौशिक ने कहा कि कुछ विदेशी ताकतें देश को कमजोर करने के लिए देश विरोधी गतिविधियां चला रही हैं, हमारी जिम्मेदारी है कि हम एकता के जरिये उनके मंसूबों को नाकाम कर दें। कहाकि पूर्वोत्तर राज्य में देश विरोधी तमाम संगठन भोले-भाले नौजवानों को गलत तथ्यों की जानकारी देकर देश के खिलाफ भड़का रहे हैं, ऐसी यात्राएं और सामाजिक समरसता वाले कदम उसे रोकने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं। गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलपति सुरेंद्र कुमार ने कहाकि असोम की भाषा संस्कृत भाषा के परिवार का अंग है। भाषाई आधार पर भेदभाव गलत है और हर स्तर पर इसका विरोध होना चाहिए। उन्होंने कहाकि पूर्वोत्तर राज्यों को सेवन सिस्टर कहा जाता है, जोकि गलत है। इसके स्थान पर हमें सभी को 35 सिस्टर-ब्रदर्स कहना चाहिए, क्योंकि पूरा देश एक है और सभी आपस में भाई-बहन हैं।
यात्रा संयोजक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नागालैंड विभाग के संगठन मंत्री मज्जुनाथ ने बताया कि यात्रा का उद्देश्य देश के विभिन्न प्रांतों की ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषाई धरोहरों से परिचय कराना है। इसके साथ ही इसके जरिये देश के विभिन्न प्रांतों में भाषाई आधार पर फैली भ्रांतियों को दूर करना है। इस मौके पर सभी को सत्यार्थ प्रकाश और स्वामी श्रद्धानंद की जीवनी भी भेंट की गई। गुरुकुल कांगड़ी के कुलसचिव विनोद कुमार ने दल के सदस्यों को विवि के इतिहास और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। अभाविप के प्रदेश उपाध्यक्ष नवीनचंद्र ने बताया कि यह यात्रा का स्वर्ण जयंती वर्ष है।