बीमारियों को रोकथाम को शोध को दिया जाए बढ़ावा
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: वैज्ञानिक युग में नई तकनीकी से बीमारियों पर नियंत्रण पाना ज्यादा कारगार स
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: वैज्ञानिक युग में नई तकनीकी से बीमारियों पर नियंत्रण पाना ज्यादा कारगार साबित हुआ है। जीवाणु एवं विषाणु जनित रोगों पर नियंत्रण पाने के लिए नई तकनीकी का ज्ञान हासिल करना अत्यंत जरूरी है। यह बात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के निदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने कही।
सोमवार को गुरुकुल कांगड़ी विवि के वनस्पति एवं सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग में वेल्डन बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड एवं रवि डायग्नोस्टिक लैब की संयुक्त पहल पर 'सूक्ष्म जैविक संक्रमण की प्रयोगशाला जांच' विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि डॉ. राजेंद्र डोभाल ने कहा कि संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों पर शोध को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। विवि के कुलपति प्रो. सुरेंद्र कुमार ने कहा कि सूक्ष्म जीवों का वर्णन वेदों में भी है। वेद के अनुसार यज्ञ चिकित्सा से अनेक व्याधियों को नष्ट किया जाता है। मगर आज आधुनिक चिकित्सा विधि से इन व्याधियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने विभागीय स्तर से आयोजित कार्यशाला को प्रतिभागियों के लिए लाभदायक बताया। इस दौरान कार्यशाला में विषाणु एवं जीवाणु जनित बीमारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जिसमें डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, हेपेटाइटिस आदि के बारे में बताया गया। साथ ही प्रयोगशाला में परीक्षण के बारे में भी बताया। इसमें उप्र एवं उत्तराखंड के कई जिलों के 100 प्रतिभागी शामिल हुए। इस अवसर पर डॉ. हेमेंद्र कुमार, प्रो. डीके माहेश्वरी, डॉ. संजय कुमार, दीपक कुमार, सुमित कुमार आदि मौजूद थे।