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संगीत है ईश्वर की शक्ति, हर स्वर में बसे हैं राम

संवाद सहयोगी, हरिद्वार: देव संस्कृति विश्वविद्यालय (देसंविवि) के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने कह

By Edited By: Published: Mon, 24 Oct 2016 08:30 PM (IST)Updated: Mon, 24 Oct 2016 08:30 PM (IST)

संवाद सहयोगी, हरिद्वार: देव संस्कृति विश्वविद्यालय (देसंविवि) के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि संगीत ईश्वर की शक्ति है और हर स्वर में राम बसे हैं। भारतीय संस्कृति में संगीत को एक विज्ञान के रूप में स्वीकारा है।

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वे सोमवार देव संस्कृति विवि में आयोजित दो दिवसीय संगीत कार्यशाला के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले कार्यशाला के समापन सत्र का उद्घाटन कुलपति शरद पारधी, प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया। प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने मातृवंदना गाकर श्रोताओं का अभिभूत दिया। उन्होंने पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की ओर से रचित शब्दब्रह्म- नादब्रह्म पुस्तक का उल्लेख करते हुए कहा कि संगीत में वह शक्ति है कि उसके माध्यम से लोकरंजन से लोकशिक्षण किया जा सकता है। इस दौरान शरीर एवं मन पर पड़ने वाले संगीत के प्रभाव, संगीत घराना एवं गायन शैली व गुरु-शिष्य परंपरा पर विभिन्न प्रयोग हुए। इसके अलावा इस कार्यशाला में देश भर से आये संगीतज्ञ भी अपने विचार रखे।


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