चुनाव नजदीक आते ही राकेश परिवार में अंतर्कलह
जागरण संवाददाता, रुड़की: एक दशक से सत्ता का सुख भोग रहे भगवानपुर के राकेश परिवार को अब परिवार से ही च
जागरण संवाददाता, रुड़की: एक दशक से सत्ता का सुख भोग रहे भगवानपुर के राकेश परिवार को अब परिवार से ही चुनौती मिलने लगी है। विधायक ममता राकेश के देवर और कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री सुबोध राकेश ने ही भाभी के खिलाफ चुनाव लड़ने की पूरी तरह से तैयारी कर ली है। सोमवार को बकायदा समर्थकों की मौजूदगी में इस बात का ऐलान भी कर दिया। देवर के तेवर जहां तल्ख हैं वहीं भाभी अभी भी नरम रुख अपनाये हुए है।
भगवानपुर की राजनीति में राकेश परिवार का दबदबा रहा है। दिवंगत काबीना मंत्री सुरेंद्र राकेश के पिता कलीराम राकेश अविभाजित उत्तरप्रदेश में भगवानपुर ब्लॉक के लंबे समय तक प्रमुख रहे। विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा तक का चुनाव लड़ा। उत्तराखंड बनने के बाद सुरेंद्र राकेश ने पहला विधानसभा चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा, लेकिन दूसरे नंबर पर रहे। इसके बाद 2007 में सुरेंद्र राकेश बसपा के टिकट पर विधायक बने। 2012 में भी उन्होंने बसपा के टिकट पर अपनी सीट को बरकरार रखा और परिवहन और समाज कल्याण मंत्री बने। पिछले वर्ष फरवरी में लंबी बीमारी के बाद उनका देहांत हो गया था। उनके देहांत के बाद परिवार में सुरेंद्र राकेश की विरासत को लेकर मनमुटाव भी हुआ, लेकिन बाद में तय हुआ कि कांग्रेस के टिकट पर ममता राकेश उपचुनाव लड़ेंगी। ममता राकेश चुनाव लड़ी और बंपर वोटों से जीती। इसी बीच उनके देवर सुबोध राकेश ने भी चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी। पिछले दिनों सुबोध राकेश के इशारे पर ही विधायक ममता राकेश के खास जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन सुशील चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी आया। इसके बाद से विधायक और देवर के बीच में तल्खी बढ़ती ही जा रही है।
'मैं 2017 का चुनाव लडूंगा, चाहे पार्टी कोई भी हो। दिवंगत कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र राकेश के अधिकांश समर्थकों की भी राय यही है और क्षेत्र के लोगों की भी। सभी से सलाह मशविरा करने के बाद निर्णय लिया है। कांग्रेस पार्टी सम्मान नहीं दे रही है।'
सुबोध राकेश
'परिवार में फूट जैसी कोई बात नहीं है। सुबोध कांग्रेस में है और पूरा परिवार एकजुट है। उनके चुनाव लड़ने के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में पता करूंगी।
ममता राकेश, विधायक, भगवानपुर