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गणपति को विराजमान करने की तैयारियां शुरू

जागरण संवाददाता, रुड़की: श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद अब शिक्षानगरी में गणेश उत्सव मनाने की तैयारियां ज

By Edited By: Published: Thu, 25 Aug 2016 09:39 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2016 09:39 PM (IST)
गणपति को विराजमान करने की तैयारियां शुरू

जागरण संवाददाता, रुड़की: श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद अब शिक्षानगरी में गणेश उत्सव मनाने की तैयारियां जोर-शोर से होने लगी हैं। गणेश महोत्सव मनाने वाली समितियों की ओर से भगवान गणेश की भव्य मूर्तियों की बु¨कग की जा रही है। वहीं कारीगर मूर्तियों को भव्य रूप देने में जुटे हैं।

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पांच सितंबर को गणेश चतुर्थी का पर्व है। इसे लेकर शहर में गणेश उत्सव मनाने वाली समितियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। शहर में आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर बड़े स्तर पर गणेश उत्सव मनाया जाता है। इसके अलावा विभिन्न कॉलोनी और मोहल्लों में भी लोग पांडाल सजाकर गणपति को विराजमान करते हैं। कोई समिति तीन दिन, कोई पांच दिन तो कोई आठ दिनों तक भव्य तरीके से गणेश उत्सव मनाते हैं। श्री ऊं सेवा मंडल के अध्यक्ष नीरज ठाकुर के अनुसार उनकी समिति की ओर से पांच से लेकर 13 सितंबर तक नगर निगम काम्पलेक्स में गणेश उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। मेरठ से भगवान गणेश की 12 फुट की भव्य प्रतिमा मंगवाई जा रही है। वहीं दिल्ली, ग्वालियर आदि स्थानों से भजन गायकों, कलाकार एवं उनकी टीम को बुलवाया गया है। उधर, पूर्वी अंबर तालाब स्थित एक रजत मूर्ति केंद्र के मोहन कुमार के अनुसार गणपति की प्रतिमाओं के लिए उनके पास बु¨कग आनी शुरू हो गई है। छोटी-बड़ी सभी प्रकार की मूर्तियों की मांग की जा रही है। उनकी दुकान में छह इंच से लेकर साढ़े तीन फुट तक की विभिन्न आकर्षक डिजाइनों में मूर्तियां उपलब्ध हैं। इनकी कीमत 50 रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक है।

शंख के ऊपर विराजमान भगवान गणेश

भगवान गणेश की कई रंगों एवं डिजाइनों में मूर्तियां उपलब्ध हैं। शंख के ऊपर विराजमान गणेश जी, शेष नाग के साथ गणपति के अलावा नग, जरकन और स्टोन की पट्टी से सजे भगवान गणेश की भव्य मूर्तियां दुकानों में मिल रही हैं।

यहां मनाया जाता है गणेश उत्सव नगर निगम काम्पलेक्स सिविल लाइंस, गणेशपुर, पंचायती धर्मशाला सहित कुछ अन्य स्थानों में बड़े स्तर पर गणेश उत्सव मनाया जाता है। इसके अलावा शहर की कई कॉलोनियों में सामूहिक रूप से उत्सव का आयोजन किया जाता है।


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