देसी चिकित्सकों को थमाई अंग्रेजी दवा
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : कांवड़ मेले में स्वास्थ्य सुविधाओं की पूर्ति को सरकार अपने ही कानून भूल ग
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : कांवड़ मेले में स्वास्थ्य सुविधाओं की पूर्ति को सरकार अपने ही कानून भूल गई। सरकारी स्तर पर कांवड़ मेले की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 40 आयुर्वेदिक चिकित्सकों की तैनाती की गई है पर इन्हें इलाज को अब तक आयुर्वेदिक दवा नहीं दी गई। इसके बजाय सरकार ने इन्हें कांवड़ियों की स्वास्थ्य रक्षा को अंग्रेजी दवा मुहैया कराई है, जबकि 'क्लीनिकल इस्टेबलिश्मेंट एक्ट' के तहत आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अंग्रेजी दवा लिखने पर रोक लगी हुई है। राज्य में यह एक्ट 9-6-16 से लागू है। एक्ट का उल्लंघन करने पर सख्त सजा का प्रावधान है। ऐसे में कांवड़ मेले में तैनाती पाए 40 आयुर्वेदिक चिकित्सकों के सामने दुविधा खड़ी हो गई है कि वह कानून का पालन करें या फिर सरकार के निर्देशों का पालन करने को कानून का उल्लंघन। सीएमओ भी इस बात को मानते हैं, साथ ही उनका कहना है कि जनहित को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। व्यवस्था के खिलाफ आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने गुरुवार को सचिवालय का घेराव करने की चेतावनी दी है।
कांवड़ मेले में करोड़ों की संख्या में आने वाले कांवड़ियों की स्वास्थ्य रक्षा को सरकारी स्तर पर कांवड़ पटरी मार्ग से लेकर अन्य सभी जगह पर अस्थाई चिकित्सालय स्थापित किए जाते हैं। इस बार 14 अस्थायी चिकित्सालयों का निर्माण किया गया है। इनमें सात ने काम करना शुरू कर दिया है, बाकी का निर्माण जारी है। इन चिकित्सालयों में करीब 60 चिकित्सकों की तैनाती की गई है पर, तैनाती पाए आयुर्वेदिक चिकित्सकों को आयुर्वेदिक दवा की जगह इलाज को अंग्रेजी दवा ही दी गई हैं। इससे इनके सामने दुविधा पैदा हो गई है कि वह कानून का पालन करें या फिर सरकारी आदेश का। सरकारी आदेश की नाफरमानी करें तो अधिकारियों के कोप का भाजन बनेंगे और अगर कानून तोड़ा तो दो वर्ष की सजा व जुर्माने का डर। आयुर्वेदिक चिकित्सकों के संघ 'यूथ फार आयुर्वेदिक संघ उत्तराखंड' के कोषाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार का कहना है कि सरकार पहले कानून और व्यवस्था को लेकर स्थिति स्पष्ट करे या फिर कांवड़ मेले में तैनात किए गए चिकित्सकों को आयुर्वेदि दवाएं दी जाएं। डॉ. संजय कुमार ने संघ की ओर से दोषपूर्ण व्यवस्था के खिलाफ गुरुवार को देहरादून में सचिवालय का घेराव करने की चेतावनी भी दी।
इस मामले में पूछे जाने पर सीएमओ डॉ. बीएस जंगपांगी ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों की समस्या को जायज ठहराया पर, साथ ही यह भी कहा कि उन पर जनहित या किसी की जान बचाने को फौरी इलाज करने पर कोई रोक नहीं। व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सकों की तैनाती कांवड़ मेले में की गई है। उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझ इसका निर्वहन करना चाहिए।