मीटर से रुकेगी पानी की बर्बादी
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: वो समय ज्यादा दूर नहीं जब भारत सरकार की अमृत योजना के अंतर्गत घर-घर में प
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: वो समय ज्यादा दूर नहीं जब भारत सरकार की अमृत योजना के अंतर्गत घर-घर में पानी के मीटर लगेंगे। इसके लिए शासन की ओर से कवायद तेज की जा रही है। योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए पेयजल निगम एस्टीमेट तैयार करने में जुटा है। मीटर लगने से ऊर्जा एवं जल संरक्षण हो सकेगा।
राज्य गठन से पहले जल संस्थान की ओर से घरों में पानी के मीटर लगाए थे। कुछ समय मीटरों के हिसाब से उपभोक्ताओं ने बिल का भुगतान भी किया, लेकिन मीटर में गड़बड़ी, बिल अधिक आने शिकायतें बढ़ने पर मीटर हटा दिए थे। अब एक बार फिर से मीटर लगाने की योजना तैयार की है। यह सबकुछ होगा भारत सरकार की अमृत योजना के अंतर्गत। योजना के तहत जल संस्थान के उपभोक्ताओं एवं स्वजल परियोजनाओं के उपभोक्ताओं के घर में पानी का मीटर लगाया जाएगा। इससे जल संस्थान के राजस्व में वृद्धि हो सकेगी। साथ ही पानी की बर्बादी पर लगाम लग सकेगी। मीटर दो चरणों में लगेंगे। पहले चरण में व्यवसायिक भवनों में पहले मीटर लगेंगे, जबकि दूसरे चरण में घरों में मीटर लगने शुरू होंगे। अनुमान के मुताबिक अकेले हरिद्वार में मीटर लगाने में करीब पंद्रह करोड़ का खर्च आएगा। पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता मो. मिसिम ने बताया कि पानी के मीटर लगाने का उद्देश्य पानी की बर्बादी रोकना एवं बिजली की बचत करना है। बताया कि अक्सर लोग पानी खोलकर छोड़ देते हैं, जो बर्बाद होता है। इस पानी का संरक्षण होने से कई लोगों को पानी मिल सकेगा। बताया कि मीटर लगाने के लिए प्रक्रिया चल रही है। एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। जल्द ही योजना को अमली जामा पहनाया जाएगा।
हरिद्वार में है जल संस्थान के 67 हजार उपभोक्ता
हरिद्वार एवं रुड़की में जल संस्थान के 67 हजार उपभोक्ता हैं। इन उपभोक्ताओं के घरों एवं व्यवसायिक भवनों में मीटर लगाये जाएंगे। इसके अलावा आधा दर्जन विकासखंडों में स्वजल परियोजनाओं के उपभोक्ता के घरों में भी मीटर लगेंगे।