किसानों की समस्याओं के निदान को गंभीर नहीं सरकार
जागरण संवाददाता, रुड़की: किसान एसोसिएशन की बैठक में उत्तराखंड के पर्वतीय किसानों का पलायन रोकने को उन
जागरण संवाददाता, रुड़की: किसान एसोसिएशन की बैठक में उत्तराखंड के पर्वतीय किसानों का पलायन रोकने को उनके फल और सब्जियों के भंडारण और उनका उचित मूल्य दिलाए जाने समेत किसान हितों से संबंधित मांगों पर चर्चा की गई। मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा गया।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भुल्लन ¨सह ने कहा कि सरकार और चीनी मिल मालिकों मिलीभगत से गन्ना अधिनियम 1953 का उल्लंघन कर किसानों का गन्ना भुगतान के लाखों करोड़ों का घोटाला करते आ रहे हैं। सरकार किसानों की समस्याओं के निस्तारण के प्रति गंभीर नहीं है। बताया कि हाई कोर्ट उप्र और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में 1990 में किसानों के गन्ना मूल्य पर देय ब्याज का भुगतान जिला देवरिया अंतर्गत चीनी मिलों दिलाई गई थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि पूर्ववर्ती इकबालपुर शुगर मिल के डायरेक्टर के पद पर रहते हुए 1967 में किसानों के मूल्य और ब्याज के भुगतान के लिए चीनी मिल की आरसी काट किसानों के गन्ना मूल्य मय ब्याज समेत दिलाया था। कहा कि विडंबना की बात है कि यहां की सरकार अपने किसानों को मुफ्त बिजली पानी ¨सचाई के लिए नहीं दे पा रही है। कहा कि किसानों का पलायन तभी रुकेगा जब रोजगार के अवसर होंगे। मास्टर तेजपाल ने कहा कि कुंआखेड़ा गांव में सोलानी नदी तट पर भारत ऑयल बेसमेंट कंपनी लगी है। इससे पर्यावरण दूषित हो रहा है। ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इस अवसर पर कुशपाल ¨सह यादव, पीसी त्यागी, धर्मवीर ¨सह मलिक, घनश्याम ¨सह, जसवीर ¨सह मलिक, धर्मपाल यादव, सुरेंद्र ¨सह रावत, वीरेंद्र ¨सह रावत आदि मौजूद रहे।