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सब सिखन को हुकम है गुरु मानयो ग्रंथ

हरिद्वार: सिख समाज ने गुरु ग्रंथ साहिब का प्रथम प्रकाश उत्सव गोल गुरुद्वारा ज्वालापुर में धूमधाम से

By Edited By: Published: Tue, 01 Sep 2015 05:30 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2015 05:30 PM (IST)

हरिद्वार: सिख समाज ने गुरु ग्रंथ साहिब का प्रथम प्रकाश उत्सव गोल गुरुद्वारा ज्वालापुर में धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान गुरुद्वारों में शबद कीर्तन, कथा एवं आनंदसाहिब का पाठ कर अरदास की गई।

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इस मौके पर ज्वालापुर स्थित गोल गुरुद्वारे के प्रधान सरदार प्रीतम ¨सह ने गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाशोत्सव की जानकारी दी। बताया कि सिखों के पांचवे गुरु अर्जुन देव ने गुरु ग्रंथ साहिब का संपादन किया था और वर्ष 1604 में प्रथम प्रकाशोत्सव अमृतसर में हरमंदिर साहिब में किया गया था। गुरु ग्रंथ साहिब में कुल 1430 पृष्ट हैं, जिसमें हिंदू और मुस्लिम धर्म के भक्तों की वाणी सम्मिलित है। गुरु ग्रंथ साहिब के अनुसार जंगलों में भटकने से भगवान नहीं मिलते, बल्कि भगवान हर जीव हर जगह मौजूद हैं। सिखों के दसवें गुरु श्री गुरू गो¨वद ¨सह ने गुरु ग्रंथ साहिब को गुरू मानकर माथा टेका व सिखों को गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु मानने का आदेश दिया था। इस अवसर पर ग्रंथी हुकम ¨सह, डॉ. जसबीर ¨सह, सरदार टेक ¨सह, परमजीत कौर, रणजीत कौर, बल¨वदर कौर, भोला ¨सह, अनूप ¨सह, दलजीत कौर, रजनी कौर आदि उपस्थित थे।


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