गोयल एजेंसी में लाखों की चोरी का पर्दाफाश
संवाद सूत्र, मंगलौर: दस दिन पहले हाईवे के पास त्यागी मार्केट में स्थित गोयल एजेंसी में हुई अठारह लाख
संवाद सूत्र, मंगलौर: दस दिन पहले हाईवे के पास त्यागी मार्केट में स्थित गोयल एजेंसी में हुई अठारह लाख रुपये की चोरी का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। संदेह के आधार पर पकडे़ गए तीन आरोपियों ने पुलिस को सात लाख रुपये से ज्यादा की नगदी बरामद की है। चोरी के आरोप में पकडे़ गए आरोपियों में से एक आरोपी गोयल एजेंसी पर कैशियर का काम करता था।
मंगलौर के हाईवे स्थित त्यागी मार्केट में मौहल्ला मानक चौक निवासी गौरव गोयल की गोयल एजेंसी के नाम से कारोबार है। बीस अगस्त की रात को उनकी दुकान के ताले तोड़कर अज्ञात चोर दुकान में रखे दस लाख चालीस हजार की नगदी, नौ कार्टन सिगरेट और सीसीटीवी की डीवीआर चुरा ले गए थे। गौरव गोयल ने अज्ञात चोरों के विरूद्ध मंगलौर पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने दुकान पर कार्यरत सभी कर्मचारियों से पूछताछ की तो एक कर्मचारी जमशेद उर्फ जिन्नी पुत्र शफीक निवासी मोहल्ला लालबाड़ा पर पुलिस को शक हुआ। पूछताछ में जमशेद टूट गया और उसने अपना जुर्म कबूल करते हुए अपने दो अन्य साथियों के नाम पुलिस को बताए। शनिवार को कोतवाली में एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि जमशेद ने दुकान के शटर की नकली चाबी देकर अपने साथियों शहनवाज पुत्र नूर असलम निवासी मौहल्ला लालबाड़ा और सिताबुददीन पुत्र ग्यासुद्दीन निवासी ग्राम चकसारा थाना रानीगंज जिला प्रतापगढ़ हाल निवासी मौहल्ला लालबाड़ा से दुकान में चोरी कराई थी। तीनों आरोपियों जमशेद, शाहनवाज और सिताबुद्दीन ने पुलिस को सात लाख पांच हजार नौ सौ अस्सी रुपये और सीसीटीवी की डीवीआर को बरामद करा दिया है। एसएसपी ने बताया कि जमशेद गोयल एजेंसी पर काफी समय से कैशियर का काम करता चला आ रहा था। ज्यादा रुपये देखकर उसके मन में लालच आ गया और उसने योजना बनाकर चोरी करा डाली। प्रेस वार्ता में एसएसपी के अलावा एसपी देहात प्रमेंद्र डोभाल, सीओ मंगलौर बीएस चौहान, एसएसआई नवीन सेमवाल, दारोगा कैलाश बिष्ट आदि मौजूद थे।
चाचा के पास इलाहाबाद भेज दी रकम
गोयल एजेंसी से लाखों की चोरी कराने के बाद रुपयों को मुख्य आरोपी जमशेद ने अपने चाचा की गाड़ी से इलाहाबाद भेज दिए थे। चोरी की रकम को अन्य स्थान ले जाने पर पुलिस ने आरोपी के चाचा को साक्ष्य छुपाने का आरोपी माना है। अब पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है। एसएसपी ने बताया कि मुख्य आरोपी जमशेद का चाचा किराये पर कार चलाता है। चोरी के मामले की जानकारी होने पर भी उसने पुलिस से साक्ष्य को छुपाया है। पुलिस उसे भी आरोपी बना उसके विरूद्ध भी मुकदमा पंजीकृत कराएगी।
गोयल एजेंसी में कंप्यूटराइज्ड ताले होने के बाद भी शटर खोलकर हुई चोरी को लेकर परेशान पुलिस को आरोपी जमशेद ने बताया कि उसने तीन माह पहले ही दुकान से तालों की चाबी को दिन में हटाकर अपने दोनों सहयोगियों की मदद से डुप्लीकेट चाबी बनवा ली थी। उसने तालों की कंप्यूटराइज्ड चाबी रुड़की के मालवीय चौक स्थित एक दुकानदार से और शटर के सेंटर लॉक की चाबी को बाजार में घूमकर चाबी बनाने वाले से बनवाई थी। उसे तो केवल दुकान में मोटी रकम होने का इंतजार था। मौका मिलते ही उसने बीस अगस्त को घटना को अंजाम दे दिया।
तालों की चाबी बनाने वालों का भी होगा सत्यापन
लाखों की चोरी का खुलासा करने पहुंची एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने पुलिस को निर्देशित किया कि वह अपने क्षेत्र में तालों की डुप्लीकेट चाबी बनाने वालों का भी सत्यापन करे ताकि समय आने पर उनसे पूछताछ की जा सके।
दसवीं तक पढ़ा है एक चोर
चोरी के आरोप में पकड़ा गया मोहल्ला लालबाड़ा निवासी शाहनवाज केवल दसवीं तक पढ़ा है। अब वह कक्षा 11 में प्रवेश लेने की सोच रहा था जबकि सिताबुद्दीपन रुड़की के एक इंटर कालेज में कक्षा बारह में अध्ययनरत है। दोनों ने रातोंरात लखपति बनने का सपना देखा और सलाखों के पीछे जा पहुंचे।
जमशेद पहले भी कर चुका चोरी
डुप्लीकेट चाबी के माध्यम से मुख्य आरोपी जमशेद पहले भी गोयल एजेंसी से रात को सिगरेट के कार्टन को चुरा कर बेच चुका है लेकिन इस बार लंबा हाथ मारने के चक्कर में वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
कहां हैं साढ़े तीन लाख रुपये
गोयल एजेंसी से चोरी गई रकम में से सात लाख पांच हजार रुपये तो पुलिस ने बरामद कर लिए। बाकी साढे़ तीन लाख रुपये कहां गए, पुलिस इस बात का कोई जवाब नहीं दे रही है। पुलिस को शक है कि कहीं इलाहाबाद ले जाते समय साढ़े तीन लाख की रकम को जमशेद का आरोपी चाचा हजम न कर गया हो। पुलिस अब चाचा के पकडे़ जाने की कोशिश में है।
पुलिस टीम को ढाई हजार ईनाम
एसएसपी ने चोरों को पकड़ने वाली टीम को ढाई हजार का ईनाम देने की घोषणा की। साथ ही शर्त भी लगाई कि ईनाम तभी मिलेगा, जब टीम मुख्य आरोपी जमशेद के चाचा को भी पकड़कर ले आएगी। लाखों की चोरी का खुलासा करने में एसएसआई नवीन सेमवाल, दरोगा कैलाश बिष्ट, दरोगा सुखपाल, दरोगा रामकुमार जुयाल, कांस्टेबल संदीप ¨सह, राजीव, अमित और शाहआलम के अलावा एसओजी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।