जागा निगम, पॉलीथिन पर कार्रवाई शुरू
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के बाद आखिरकार
जागरण संवाददाता, हरिद्वार:
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के बाद आखिरकार नगर निगम हरकत में है। रविवार को निगम व पुलिस टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई कर करीब पांच सौ प्लास्टिक के डिब्बों (केन) को कब्जे में लिया। जबकि श्रद्धालुओं को बैठने के लिए दी जाने वाली प्लास्टिक भारी मात्रा में एक दुकान से बरामद की। दुकानदार पर पांच हजार जुर्माना लगाया गया।
एनजीटी ने नगर निगम, प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल संस्थान, गंगा प्रदूषण इकाई, पुलिस विभाग को इस मामले में कार्रवाई के आदेश दिए हैं। रविवार पूर्वाहन साढ़े ग्यारह बजे मुख्य नगर अधिकारी विप्रा त्रिवेदी, हरकी पैड़ी चौकी प्रभारी मोहन ¨सह के साथ हरकी पैड़ी क्षेत्र में अभियान चलाया। इस दौरान चौकी के पीछे स्थित दुकान पर छापा मारा गया, जहां दुकान के भीतर प्लास्टिक बोरियों में भरी मिली। एमएनए ने पांच कटटों में प्लास्टिक को भरवाकर नगर निगम भिजवा दिया। दुकानदार राजकुमार से पांच हजार जुर्माना वसूला गया। इसके बाद मालवीय घाट, सुभाष घाट का निरीक्षण कर प्लास्टिक से बने डिब्बों को जब्त किया गया। एमएनए ने बताया कि जब्त की गई प्लास्टिक को श्रद्धालुओं को बैठने के लिए दिया जाता है। बताया कि रोजाना अभियान जारी रहेगा।
दुकान में लगाया ताला
प्लास्टिक मिलने पर एमएनए ने दुकानदार राजकुमार पर पांच हजार जुर्माना लगाया था, जिसे देने में दुकानदार ने आधा घंटा लगा दिया। इस पर एमएनए ने दुकान का शटर गिरवाकर ताला लगा दिया। चाबी नगर निगम र्किमयों के पास रख ली गई। कुछ देर बाद दुकानदार के जुर्माने की धनराशि देने के बाद चाबी लौटाई गई।
कैमरे जब्त किये
कार्रवाई के दौरान एमएनए ने पाया कि हरकी पैड़ी क्षेत्र में फोटोग्राफर प्रतिबंधित क्षेत्र में फोटो खींच रहे हैं। इस पर चार फोटोग्राफर के कैमरे जब्त किये गये हैं। फोटोग्राफर ने कैमरे छोड़ने की बात कही, लेकिन एमएनए ने सख्ती दिखाकर कैमरे वापस देने से इंकार कर दिया
विरोध हुआ तो भड़की एमएनए
मालवीय घाट के समीप फूलफरोशी के ठेकेदार ने प्लास्टिक के डिब्बे भी भारी मात्रा में रखे हुए थे। इस पर डिब्बों को जब्त कर लिया गया। इसी दौरान दुकान में मौजूद कर्मियों ने कार्रवाई का विरोध किया। कहा कि नगर निगम ने ही उन्हें करीब 63 लाख का ठेका दिया है, जबकि अधिकारियों ने ही डिब्बे बेचने की अनुमति दी थी। इस पर एमएनए भड़क गई। एमएनए ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई। एमएनए ने कहा कि निगम की ओर से कोई अनुमति नहीं दी गई। इस संबंध में एनजीटी को रिपोर्ट भेजी जाएगी।