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गंगा बचाने के लिए त्याग दूंगा प्राण : स्वामी शिवानंद

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: बाढ़ सुरक्षा के नाम पर गंगा व सहायक नदियों में उपखनिज उठाने की अनुमति देन

By Edited By: Published: Sat, 23 May 2015 03:40 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2015 03:40 PM (IST)

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: बाढ़ सुरक्षा के नाम पर गंगा व सहायक नदियों में उपखनिज उठाने की अनुमति देने से आहत मातृ सदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद ने कहा कि जरूरत पड़ी तो गंगा को बचाने के लिए प्राण त्याग दूंगा। अनशन पर बैठे स्वामी शिवानंद ने शुक्रवार को जल भी त्याग दिया था। दूसरी ओर सदन के ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद का अनशन (तप) भी जारी रहा।

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गौरतलब है कि शुक्रवार से उन्होंने खुद को मातृसदन के एक कमरे में बंद कर रखा है। स्वामी शिवानंद ने कहा कि भोजन त्याग कर कोई भी छह माह तक जीवित रह सकता है, लेकिन जल त्यागकर नहीं। कहा कि वह गंगा को बचाने के बलिदान देने को तैयार हैं। पंडे-पुरोहितों, व्यापारियों और आश्रम संचालकों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग गंगा के नाम पर व्यापार कर रहे हैं। संत अब खनन के ठेकेदार बन गए हैं, जिस सप्तऋषि क्षेत्र में गंगा सात ऋषियों को देखकर सात भागों में बंटी, वहां के शिव तुल्य पत्थर को क्रशरों में पिसने के लिए दिया जा रहा है।

इससे पहले शुक्रवार रात स्वामी शिवानंद के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पुलिस के साथ जिला अस्पताल के चिकित्सकों की टीम मातृसदन पहुंची। स्वामी शिवानंद ने परीक्षण कराने से इन्कार कर दिया। टीम को आश्रम गेट से ही लौटा दिया गया। इसके बाद शनिवार सुबह ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद ने स्वास्थ्य जांच को पहुंची, टीम को वापस भेज दिया।

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