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वैरागी कैंप में खनन को लेकर विवाद

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: वैरागी कैंप में अवैध खनन का आरोप लगाते हुए मातृ सदन के ब्रह्मचारी दयान

By Edited By: Published: Tue, 05 May 2015 04:52 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2015 04:52 PM (IST)

जागरण संवाददाता, हरिद्वार:

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वैरागी कैंप में अवैध खनन का आरोप लगाते हुए मातृ सदन के ब्रह्मचारी दयानंद ने वैरागी कैंप में धरना दिया। बाद में पुलिस ने खनन सामग्री उठाने का काम रुकवा दिया। प्रशासन का कहना है कि यहां सिल्ट उठाने की अनुमति दी गयी है। इस अनुमति पर सदन ने सवाल उठाते हुए कहा कि दो साल से सिल्ट उठाने के नाम पर अवैध खनन कराया जा रहा है।

वैरागी कैंप में कुंभ के दौरान वैरागी अणि अखाड़ों को भूमि आवंटित की जाती है। बाकी समय गंगा से सटा यह इलाका खाली रहता है। उप्र ¨सचाई विभाग ने गंगनहर चौड़ीकरण के दौरान निकली सिल्ट को वैरागी कैंप में डंप किया था। बाद में हरिद्वार प्रशासन ने सिल्ट की नीलामी के आदेश दिए। दो साल से यहां सिल्ट उठाने के नाम पर खनन का खेल हो रहा है। मंगलवार को मातृ सदन के ब्रह्मचारी दयानंद वैरागी कैंप पहुंचे। मातृ सदन की टीम को देखकर वहां खनन कर रहे लोग ट्रैक्टर-ट्रालियों को लेकर चले गए। कुछ लोगों ने प्रशासन से जारी अनुमति पत्र दिखाया, जिसमें बाकी बचे सिल्ट को उठाने की अनुमति दी गयी थी। मातृ सदन का कहना था कि दो साल से सिल्ट उठाने के नाम पर खनन किया जा रहा है। पहले भी यहां अवैध खनन पकड़ा गया था, इसके बाद भी प्रशासन अनुमति दे रहा है। अवैध खनन के चलते ही सिल्ट उठाने की अनुमति रद की गयी थी। इसके बाद ब्रह्मचारी दयानंद वैरागी कैंप में ही धरने पर बैठ गए और उपखनिज उठाने से रोकने की मांग की। करीब ढाई घंटे तक वे वहीं धरने पर बैठे रहे। बाद में कनखल पुलिस मौके पर पहुंची और उपखनिज उठाने का काम रोक दिया गया। इसके बाद मातृ सदन की टीम वापस आश्रम लौट गयी। एसडीएम सदर बीर ¨सह बुदियाल ने बताया कि पहले अवैध खनन की शिकायतों पर काम रोक दिया गया था। जिस व्यक्ति ने नीलामी का ठेका लिया था उसकी ओर से प्रशासन को पत्र लिखा गया। जिसमें उसने कहा था कि उसका कुछ माल बचा है। मानसून से पहले उसे उठाने की अनुमति एडीएम वित्त स्तर से दी गयी थी।


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