जंगल में हुड़दंग मचाने की छूट
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: उत्तराखंड में टाइगर की संख्या में इजाफा हुआ तो अधिकारियों से लेकर नेता इस
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: उत्तराखंड में टाइगर की संख्या में इजाफा हुआ तो अधिकारियों से लेकर नेता इसका श्रेय लेने में जुट गए। हकीकत यह है कि टाइगर की सुरक्षा के लिए न तो अधिकारी गंभीर हैं और न जिम्मेदार जनप्रतिनिधि। रसियाबड़ के जिस क्षेत्र में टाइगर का मूवमेंट है वहां तो वन विभाग ने जंगल सफारी पर रोक लगा दी। वहीं सैकड़ों मवेशियों के साथ बिना परमिट के रहे गुर्जर को जंगल में हुड़दंग मचाने की खुली छूट दे रखी है।
हरिद्वार वन प्रभाग की रसियाबड़ रेंज के नालोवाला क्षेत्र काफी समय से तीन टाइगर का मूवमेंट है। टाइगर के मूवमेंट पर किसी तरह का असर न पड़े इसके लिए वन विभाग ने टाइगर वाले क्षेत्र में जंगल सफारी पर रोक लगा दी थी। इसी क्षेत्र में 25 गुर्जरों के परिवार बिना अनुमति के रह रहे हैं। इन वन गुर्जरों के पास सैंकड़ों की संख्या में मवेशी हैं। गुर्जरों की संख्या अधिक होने का असर सीधे टाइगर के मूवमेंट पर पड़ रहा है। यहां तक कि जंगल में हुड़दंग मचाने के लिए गुर्जर परिवारों ने अवैध रूप से बिजली के कनेक्शन भी लिए हैं। जिम्मेदार अधिकारियों को टाइगर के मूवमेंट पर पड़ रहे, इस असर से कोई लेनादेना नहीं है।
डीएफओ हरिद्वार से जब इस मामले में पूछा तो डीएफओ ने टाइगर वाले क्षेत्र में बिना अनुमति के गुर्जर परिवारों की रहने की बात तो स्वीकारी। बिना अनुमति के रह रहे गुर्जरों के न हटाने के सवाल पर डीएफओ ने कहा कि गुर्जरों को हटाने की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कुछ बातें ऐसी होती है जो बताई नहीं जाती। वहीं वन मंत्री दिनेश अग्रवाल ने संरक्षित क्षेत्र रसियाबड़ के टाइगर मूवमेंट वाले क्षेत्र में वन गुर्जरों के रहने पर अनभिज्ञता जताई।
जांच के बाद भी अधिकारी मौन
उप प्रभागीय वनाधिकारी डीपी वर्मा ने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर 25 नवंबर 2014 को संरक्षित क्षेत्र रसियाबड़ में बिना अनुमति के रहे रहे वन गुर्जर परिवारों की जांच की। अपनी जांच रिपोर्ट में उप प्रभागीय वनाधिकारी डीपी वर्मा ने लिखा था कि संरक्षित क्षेत्र रसियाबाड़ में वन गुर्जरों के 25 परिवार बिना अनुमति के रह रहे हैं। नालोवाला सात-ए में तक मुस्तफा नाम के गुर्जर ने बिजली की लाइन से बिजली का कनेक्शन भी लिया है। उन्होंने रिपोर्ट में कहा था कि बिना परमिट धारी गुर्जर लगातार बढ़ रहे हैं। चरान चुगान व पेड़ों की लॉपिंग के कारण बारहसिंघों के प्राकृत वास स्थल प्रभावित हो रहे हैं। गुर्जरों के मवेशियों से वन्य प्राणियों पर जानलेवा बीमारियों का प्रकोप होने की प्रबल संभावना है। इस लिए वन गुर्जरों पर कार्रवाई की जानी जरूरी है।
वन गुर्जर परिवारों को बिजली का कनेक्शन दिए जाने का मामला संज्ञान में नहीं है। इसका पता लगा कर ही कुछ बताया जा सकता है।
देवेंद्र कुमार, ईई, ऊर्जा निगम हरिद्वार
बिना परमिट के रहे गुर्जरों की संख्या तो नहीं बढ़ रही है। इनको हटाने के लिए अभी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
-एचके सिंह, डीएफओ, हरिद्वार वन प्रभाग
टाइगर वाले क्षेत्र में अगर वन गुर्जर रह रहे हैं तो मामला संवेदनशील है। अभी तक यह मेरे संज्ञान में नहीं था। जल्द ही टाइगर वाले क्षेत्र से वन गुर्जरों को हटाया जाएगा।
-दिनेश अग्रवाल, वन मंत्री, उत्तराखंड