कंपोस्टिंग प्लांट को मिली पर्यावरण स्वीकृति
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जैविक-अजैविक कूड़े के समुचित निस्तारण को सराय में लगने वाले कंपोस्टिंग प्
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: जैविक-अजैविक कूड़े के समुचित निस्तारण को सराय में लगने वाले कंपोस्टिंग प्लांट को पर्यावरणीय स्वीकृति मिल गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) से इस आशय का स्वीकृति पत्र भी निगम प्रशासन को प्राप्त हो गया है। हालांकि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना से केंद्र के हाथ खींचने से इस राह में अब बजट का रोड़ा अटका है।
नगर निगम की 16 करोड़ की सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट योजना के तहत घरों से निकलने वाले कूड़े का जैविक-अजैविक वर्गीकरण के साथ इसके समुचित निस्तारण का प्रावधान था। इसके लिए सराय में कंपोस्टिंग प्लांट लगाया जाना था। इसके लिए निगम प्रशासन ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी केआरएल को शहर से सटे सराय में 17 बीघा भूमि भी मुहैया करा दी थी। संयंत्र शुरू करने को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की अनुमति जरूरी थी। कतिपय कारणों के चलते पर्यावरण स्वीकृति न मिलने से मामले में पेच फंसा था। हालांकि बीते दो साल से निगम इसके लिए प्रयासरत था।
राहत की बात यह है कि पीसीबी ने सराय में प्लांट लगाने को अपनी स्वीकृति दे दी है। बाकायदा एप्रूवल लेटर भी निगम प्रशासन को मुहैया करा दिया गया है। हालांकि इस राह में अब बजट का रोड़ा अटका है।
नौ करोड़ प्लांट पर होने थे खर्च
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत मिलने वाली 16 करोड़ की धनराशि में अब तक निगम को किस्तों में करीब सात करोड़ रुपये मिले हैं। इस राशि से कूड़ा वाहन, डस्टबिन और सफाई से संबंधित उपकरण के अलावा ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए। शेष धनराशि से सराय में कंपोस्टिंग प्लांट बनना था।
कंपनी प्लांट लगाने को दे रही दबाव
नगर निगम और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के अनुबंध के तहत कंपोस्टिंग प्लांट में कूड़े से तैयार होने वाली खाद की बिक्री से होने वाली आय कंपनी की होगी। इधर, कंपनी निगम प्रशासन पर अनुबंध की शर्तो के उल्लंघन का हवाला देते हुए कई दफा काम छोड़ने की धमकी तक दे डाली है। बीते दिनों इस गतिरोध को दूर करने को निगम, कंपनी प्रबंधन और शासन के बीच त्रिस्तरीय वार्ता भी हुई थी।
सराय में कंपोस्टिंग प्लांट को पर्यावरण स्वीकृति मिल गई है। नमामि गंगे योजना से इस मद में बजट मिलने की बात कही जा रही है। शासन के निर्देश पर कंपोस्टिंग प्लांट लगाने को डीपीआर तैयार कर भेजी गई है।
विप्रा त्रिवेदी, एमएनए, नगर निगम