गलत निकली युवकों की नामजदगी
संवाद सहयोगी, रुड़की: महिला को गोली मारने के मामले में दोनों युवकों की नामजदगी गलत पाई गई है। इस स
संवाद सहयोगी, रुड़की:
महिला को गोली मारने के मामले में दोनों युवकों की नामजदगी गलत पाई गई है। इस संबंध में विवेचक ने रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी है। जिसमें कहा गया है कि जेल गये युवकों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिल पाए हैं।
खटका गांव में रमेशो पत्नी गजे सिंह को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लग गई थी। महिला के पति गजे सिंह ने इस मामले में गांव के ही राकेश व फुरकान को नामजद करते हुए सिविल लाइंस कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था। ग्रामीण महिला को गोली मारने की घटना में युवकों को जेल भेजे जाने का विरोध कर रहे थे। इसको लेकर लोगों ने कई बार बार कोतवाली पर प्रदर्शन कर धरना भी किया। जिसके चलते एसएसपी स्वीटी अग्रवाल ने मुकदमे की विवेचना एसएसआइ को सौंप दी थी और युवकों को जेल भेजने में जल्दबाजी करने पर महिला दारोगा प्रमिला बिस्ट को निलंबित कर दिया था। अब मुकदमे की विवेचना पूरी होने पर नया खुलासा हुआ है। विवेचना के दौरान राकेश व फुरकान की इस मामले में की गई नामजदगी गलत पाई गई। सिविल लाइंस कोतवाली प्रभारी निरीक्षक महेश चंद्र ने बताया कि राकेश व फुरकान के खिलाफ कोई ऐसे साक्ष्य नहीं मिल पाए हैं, जिससे की साबित हो कि इनके द्वारा महिला को गोली मारी गई है। इसीलिए दोनों को निर्दोष मानते हुए 169 सीआरपीसी की रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल कर दी गई है। मुकदमे की विवेचना अभी जारी है। जो भी गोली मारने वाला होगा, उसे जेल भेजा जाएगा।