गुजरात सिखाएगा राज्य को दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के गुर
जागरण संवाददाता, हरिद्वार: उत्तराखंड का दुग्ध विकास विभाग अब गुजरात से दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के गुर सीखेगा। हर जिले से विभाग के एक फील्ड आफिसर को गुजरात में ट्रेनिंग दी जाएगी। आठ से बारह सितंबर तक गुजरात में ट्रेनिंग होगी।
'श्वेत क्रांति' के मामले में गुजरात देश में अव्वल है। गुजरात में 'अमूल' के प्रोडक्ट पूरे देश में छाए रहे हैं। इसके विपरीत उत्तराखंड में दुग्ध उत्पादन पूरा नहीं है। हरिद्वार जिले की ही बात करें तो डिमांड और आपूर्ति में काफी अंतर है। पड़ोसी जिलों से यहां आपूर्ति होती है। अंतर को पाटने के लिए दूध में मिलावट भी की जाती है। दुग्ध विकास विभाग के पास हरिद्वार में शिकारपुर में डेयरी है। इस डेयरी की निर्धारित क्षमता तीस हजार लीटर प्रतिदिन है, लेकिन वर्तमान में इसे औसतन आठ हजार लीटर दूध ही प्रतिदिन मिल पा रहा है। सितंबर के बाद यह औसतन पंद्रह हजार तक पहुंच जाएगा। शिकारपुर से 190 समितियों संबद्ध हैं, जिससे सात हजार पशु पालक जुड़े हैं। शिकारपुर डेयरी में ही विभाग दूध से बने प्रोडक्ट बनाता है। अब दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की दिशा में गुजरात के अनुभव का लाभ लिया जाएगा। हर जिले से एक-एक फील्ड सुपरवाइजर को ट्रेनिंग के लिए गुजरात भेजा जाएगा। आठ से बारह सितंबर तक यह ट्रेनिंग चलेगी। दुग्ध विकास विभाग के विभागाध्यक्ष डीके गुप्ता ने बताया कि दूध उत्पादन व इससे बने उत्पाद बनाने में गुजरात काफी आगे है। आठ से 12 सितंबर तक अमूल के अधिकारी सुपरवाइजरों को ट्रेनिंग देंगे। इससे नई तकनीक सीखने का मौका मिलेगा।