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बीमारियों का चौतरफा वार, विभाग लाचार

By Edited By: Published: Mon, 01 Sep 2014 01:15 AM (IST)Updated: Mon, 01 Sep 2014 01:15 AM (IST)
बीमारियों का चौतरफा वार, विभाग लाचार

जागरण संवाददाता, हरिद्वार: शहर और उपनगर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी वायरल के साथ डेंगू-मलेरिया के मामले सामने आने लगे हैं। बाढ़ ग्रस्त लक्सर क्षेत्र में इन बीमारियों का कहर ज्यादा है। पखवाड़े भर के भीतर अलग-अलग स्थानों पर चार मौतें भी हो चुकी हैं, लेकिन जिम्मेदार महकमा इसे नियंत्रित करने में लाचार नजर आ रहा है।

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अगस्त के अंतिम सप्ताह से लेकर सितंबर तक बीमारियों का प्रकोप रहता है। डेंगू से लेकर वायरल, मलेरिया तक के मामले सामने आ रहे हैं। लक्सर व ज्वालापुर क्षेत्र में बीमारियों से अब तक चार मौत तक हो चुकी हैं। बीमारियों को नियंत्रित करने को बड़े-बड़े दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत इसके उलट है।लक्सर के आपदाग्रस्त कुछेक गांवों को छोड़ अधिकांश में कीटनाशकों का छिड़काव नहीं हुआ है। स्वास्थ्य विभाग का फोकस केवल उन्हीं गांवों तक है जहां बीते दिनों बुखार से मौतें हुई। आपदाग्रस्त खादर के कई गांवों में ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल भी मुहैया नहीं हो रहा है। दूषित पानी की शिकायत पर ठोस कार्रवाई के बजाय ग्रामीणों को क्लोरीन की गोलियां थमा खानापूर्ति की जा रही है। समय रहते जल जनित बीमारियों को लेकर जिम्मेदार महकमा गंभीर नहीं हुआ तो सीजन में ये बीमारियां बेकाबू हो सकती है।

अस्पतालों में खल रही फिजीशियन की कमी

जिले में विशेषज्ञ डाक्टरों विशेषकर फिजीशियन की कमी ज्यादा खल रही है। बीते दिनों बसेड़ी गांव में बुखार से महिला की मौत के बाद परिवार के चार अन्य सदस्यों को जिले में उपचार नहीं मिल सका। मजबूरी में इन्हें दून के एक निजी अस्पताल में भेजना पड़ा। सितंबर में डेंगू कहर बनकर टूटता है। ऐसे में महकमे को इस ओर भी गंभीरता से विचार करना होगा।

दावों पर खरा नहीं उतरा महकमा

बीते साल डेंगू का कहर टूटने पर महकमे के हाथ पांव फूल गए थे। डेंगू पीड़ित मरीजों की जांच और इलाज की सुविधा हरिद्वार में मुहैया कराने के बड़े-बड़े दावे भी किए गए थे। डेंगू के गंभीर मरीजों को प्लेटलेट मुहैया कराने को ब्लड बैंक में कंपोनेंट सेपरेटर लगाने की योजना थी लेकिन इनमें से एक दावे पूरे नहीं हो पाए।

आपदा ग्रस्त लक्सर क्षेत्र के गांवों में सतर्कता बरती जा रही है। जिन क्षेत्रों से बुखार के ज्यादा मामले आ रहे हैं वहां लोगों को जागरूक करने के साथ ही खून आदि के सैंपल भी लिए जा रहे हैं। डीडीटी का छिड़काव शुरू करा दिया गया है। जिन गांवों में बाढ़ का पानी उतर गया है वहां लार्वानाशी का भी छिड़काव कराया जा रहा है।

डॉ.नवनीत किशोर, एपिडमियोलाजिस्ट, आइडीएसपी


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