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नलकूप चालू न होने से बढे़गी मुश्किलें

By Edited By: Published: Sun, 31 Aug 2014 07:03 PM (IST)Updated: Sun, 31 Aug 2014 07:03 PM (IST)

संवाद सहयोगी, रुड़की: हरिद्वार जिले में 55 सरकारी नलकूप यांत्रिक व विद्युत दोष के कारण ठप हैं। इससे पांच हजार हेक्टेयर भूमि पर रबी की बुआई का संकट हो सकता है। सिंचाई विभाग के पास ठप नलकूपों को चालू कराने को फिलहाल बजट नहीं है। इससे किसान की चिंता बढ़ी हुई है कि रबी की बुआई कैसे होगी।

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हरिद्वार जिले में 350 सरकारी नलकूप हैं। एक नलकूप से 75 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है। जिले की काफी खेती सरकारी नलकूपों की सिंचाई पर निर्भर है। फिलहाल जिले में 55 सरकारी नलकूप यांत्रिक व विद्युत दोष से ठप हैं। इनमें से दो दर्जन नलकूप तो कई महीने से बंद हैं। बरसात में किसान को सरकारी नलकूपों के ठप होने पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन अब अगले दिनों में नलकूप बंद रहने से खेती पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। बरसीम व आलू की बुआई होनी है। सिंचाई विभाग नलकूप खंड के अधिकारी अभी तक खराब नलकूपों को चालू कराने का काम शुरू भी नहीं करा पाया है।

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इन गांवों के नलकूप ठप

कोटवाल, सुसाडी खुर्द, अकबरपुर झोझा, कगवाली, लंढौरा, ब्रहमपुरी, भूरना, भूरनी, कुआखेड़ा, अकोढा, इस्माइलपुर, लादपुर, हरजौली झोझा, पनियाला, भिस्तीपुर, खाताखेड़ी, सलेमपुर, 61 आरजी सलेमपुर, रसूलपुर, पाडली गंदा, लोदीवाला, हिराहेड़ी, डेलना, होसनपुर, कमबोरा, गी मोहम्मद शहीदपुर, खुब्बनपुर, डाडा जलालपुर, हसनपुर, तेलपुरा, औरंगाबाद, मीरपुर, शिवदासपुर तेलीवाला, सुमनगनर पथरी, जसवावाला, औरंगाबाद, रावण बाग, ज्योतिगढ़, आसफनगर, 30 जसवावाला के अलावा सिकंदरपुर, एचजी आदि सरकारी नलकूप खराब पडे़ हैं।

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नलकूप की मरम्मत के लिए बजट न मिलने के कारण इन्हें चालू होने में देरी हो रही है। बावजूद इसके सरकारी नलकूपों को सप्ताहभर में चालू कराने के प्रयास हो रहे हैं।

-एनके शर्मा, ईई सिंचाई विभाग नलकूप खंड रुड़की


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