नहीं थमी हड़ताल, सचिवालय में काम ठप
राज्य ब्यूरो, देहरादून: सचिवालय में अब सप्ताह में पांच दिन की बजाए छह दिन कामकाज की व्यवस्था लागू कर
राज्य ब्यूरो, देहरादून: सचिवालय में अब सप्ताह में पांच दिन की बजाए छह दिन कामकाज की व्यवस्था लागू करने के कैबिनेट के निर्णय का विरोध कर रहे सचिवालय कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार तीसरे दिन भी जारी रहा। हड़ताली कर्मियों ने गुरुवार को भी सभी अनुभागों व कक्षों में तालाबंदी की। सचिवालय संघ ने आम सभा में सभी कर्मचारियों को उनकी मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री की ओर से मिले संदेश की जानकारी दी। साथ ही, हड़ताल की अग्रिम रणनीति को लेकर अपने सभी घटक संघों के पदाधिकारियों से भी राय ली। हालांकि, देर शाम आम सभा में कार्य बहिष्कार जारी रखने का निर्णय लिया गया। उधर, मंत्रिमंडल के निर्णय को अमल में लाने के मामले में सरकार भी अपने रुख पर अडिग है। ऐसे में सरकार व कर्मियों के बीच गतिरोध और बढ़ने के आसार बन गए हैं।
सचिवालय कर्मचारियों ने गुरुवार को भी कार्य बहिष्कार जारी रखते हुए अधिकांश अनुभागों व कक्षों में तालाबंदी की। सुबह एटीएम चौक पर हुई सभा में सचिवालय संघ के अध्यक्ष नरेंद्र रतूड़ी ने कर्मचारियों को बुधवार देर शाम उनकी मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से मिले संदेश की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने छह दिवसीय कार्य दिवस के फैसले को कैबिनेट का निर्णय बताते हुए मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों से विचार किए बगैर उस पर पुनर्विचार का आश्वासन देने में असमर्थता जताई है। उन्होंने कहा कि पदोन्नत हुए 65 अनुसचिवों को जल्द कक्ष उपलब्ध कराने का आश्वासन मुख्यमंत्री की ओर से दिया गया है।
साथ ही, 13 नए अनुभाग खोलने और समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी पदों में कटौती न करने की मांग पर भी सरकार ने सहमति जताई है। उन्होंने घटक संघों के पदाधिकारियों से मुख्यमंत्री के इस संदेश के आधार पर आंदोलन की अग्रिम रणनीति के संबंध में राय भी मांगी। साथ ही, हड़ताल जारी रहेगी या स्थगित कर दी जाएगी, यह फैसला भी आमसभा में करने का ऐलान किया। देर शाम एटीएम चौक पर हुई आमसभा में हड़ताल जारी रखने या नहीं रखने को लेकर रायशुमारी हुई। साथ ही, आमराय से छह दिन कार्य दिवस के कैबिनेट का निर्णय वापस नहीं होने तक कार्य बहिष्कार जारी रखने का निर्णय किया गया।
उधर, छह दिन कार्य दिवस के कैबिनेट के निर्णय को लागू करने के मामले में सरकार अब भी अपने रुख पर ही अडिग नजर आ रही है। गुरुवार को सरकार की ओर से हड़ताली कर्मचारियों को वार्ता का कोई न्योता नहीं मिला। ऐसे में सरकार व हड़ताली कर्मचारियों के बीच गतिरोध और अधिक बढ़ने के आसार पैदा हो गए हैं।
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तेवरों में दिखी नरमी
सचिवालय में छह दिन कामकाज की व्यवस्था के विरोध में तीन दिन से कार्य बहिष्कार पर डटे कर्मचारियों के तेवरों में गुरुवार को कुछ नरमी भी दिखाई दी। राज्य सचिवालय संघ के पदाधिकारियों ने अग्रिम रणनीति को लेकर तीन विकल्प रखे। उनकी मांगों पर मुख्यमंत्री का संदेश मिलने के बाद अगली कैबिनेट बैठक तक हड़ताल स्थगित की जाए या फिर कार्य बहिष्कार यथावत जारी रखा जाए। या फिर वार्ता के जरिए हल निकाला जाए, मगर आमसभा में हुए निर्णय के अनुरूप संघ ने आगे भी कार्य बहिष्कार जारी रखने का ऐलान किया।
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'सचिवालय कर्मचारियों की बीते रोज मुख्यमंत्री से वार्ता तो नहीं हो पाई, मगर उनकी मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री हरीश रावत अधिकारियों के माध्यम से अपना संदेश उन्हें दे चुके हैं।'
-सुरेंद्र कुमार, मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक