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शीतकालीन चारधाम यात्रा पर सहमति

राज्य ब्यूरो, देहरादून: चारधाम यात्रा की तर्ज पर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के शीतक

By Edited By: Published: Wed, 15 Oct 2014 01:15 AM (IST)Updated: Wed, 15 Oct 2014 01:15 AM (IST)
शीतकालीन चारधाम यात्रा पर सहमति

राज्य ब्यूरो, देहरादून: चारधाम यात्रा की तर्ज पर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास केंद्रों पर भी यात्रा प्रारंभ करने पर तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज व मंदिर समितियां सहमत हो गई हैं। सभी पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि शीतकालीन प्रवास केंद्रों पर यात्रा प्रारंभ करने से धार्मिक मान्यताओं व परंपराओं का किसी प्रकार अतिक्रमण नहीं होगा। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तीर्थ पुरोहितों व पंडा समाज की सहमति का स्वागत करते हुए उक्त स्थानों पर इसके अनुरूप सुविधाएं जुटाने और आधारित संरचना के विकास में जुटने की प्रतिबद्धता जताई।

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मंगलवार देर शाम बीजापुर राज्य अतिथि गृह में मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मंदिर समितियों, तीर्थ पुरोहित व पंडा समाज के प्रतिनिधियों ने शीतकालीन प्रवास केंद्रों पर यात्रा शुरू करने पर सहमति जताई। इस संबंध में अगले सप्ताह फिर से बैठक होने की संभावना है। दरअसल, राज्य गठन के बाद अंतरिम सरकार में तत्कालीन पर्यटन मंत्री केदार सिंह फोनिया ने पहली बार इस योजना का प्रस्ताव रखा था, मगर तब तीर्थ पुरोहितों व पंडा समाज ने इसे धार्मिक मान्यताओं व परंपराओं के साथ छेड़छाड़ बताते हुए इस योजना का विरोध किया था।

अब बदले हालात व खासतौर पर जून 2013 की आपदा के बाद पैदा हुई स्थिति को देखते हुए तीर्थ पुरोहितों व पंडा समाज ने इस मामले में लचीला रुख अपनाते हुए अपनी सहमति जताई। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देना सरकार का उद्देश्य है, मगर धार्मिक मान्यताओं व परंपराओं का पालन करना भी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। शीतकालीन प्रवास केंद्रों पर यात्रा प्रारंभ करने से स्थानीय लोगों को आजीविका मिलेगी। पर्यटन को बढ़ावा व ढांचागत सुविधाओं का विकास होगा।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष चारधाम यात्रा व नंदादेवी राजजात के सफल आयोजन से विश्व भर में उत्तराखंड के प्रति सकारात्मक संदेश गया है। शीतकालीन चारधाम यात्रा से यह संदेश और भी पुख्ता होगा। यात्रा पर होने वाले बड़े निवेश का लाभ चारों धाम के कपाट बंद होने के बाद भी मिल सकेगा। उन्होंने मुख्य सचिव सुभाष कुमार को यात्रा मार्गो की गुणवत्ता सुधारने के लिए लोनिवि, बीआरओ व अन्य संबंधित अफसरों से समन्वय के निर्देश भी दिए। साथ ही, पर्यटन विभाग को इसके प्रचार अभियान की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।

चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष सुबोधानंद ब्रह्मचारी, कृष्णकांत कोटियाल, डिमरी धार्मिक पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, बालकृष्ण ध्यानी, पंडा व पुरोहित समाज के प्रतिनिधियों ने सड़कों की दशा सुधारने पर बल दिया। बैठक में शहरी विकास मंत्री प्रीतम पंवार, विधायक शैलारानी, राजेंद्र सिंह भंडारी आदि मौजूद थे।

इनसेट..

ये हैं शीतकाली प्रवास केंद्र

चारधाम शीतकालीन प्रवास

यमुनोत्री खरसाली

गंगोत्री मुखबा

केदारनाथ ऊखीमठ

बदरीनाथ पांडुकेश्वर


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