उत्तराखंड में अप्रशिक्षित गनर के भरोसे वीआइपी की सुरक्षा
सूबे के कई वीआइपी की सुरक्षा अप्रशिक्षित गनर के भरोसे है। इनमें हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मंत्री और विधायक भी शामिल हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: सूबे के कई वीआइपी की सुरक्षा अप्रशिक्षित गनर के भरोसे है। इनमें हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मंत्री और विधायक भी शामिल हैं। आरटीआइ में मिले दस्तावेजों में खुलासा हुआ है कि इन अति प्रतिष्ठित व्यक्तियों की सुरक्षा में तैनात हेड कांस्टेबल और कांस्टेबलों ने इस ड्यूटी के लिए अनिवार्य शैडो/अंगरक्षक का कोर्स नहीं किया है।
आरटीआइ कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार ने पुलिस मुख्यालय से वीआइपी सुरक्षा ड्यूटी में लगे हेड कांस्टेबल/कांस्टेबल के शैडो/अंगरक्षक के कोर्स को लेकर जानकारी मांगी थी। आरटीआइ में जो जानकारी मिली, वह बेहद चौंकाने वाली है। पता चला कि मुख्य न्यायाधीश की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी मनमोहन सिंह के पास पिस्टल है, लेकिन उन्होंने शैडो का कोर्स नहीं किया है। इसी तरह केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा के गनर जनार्दन सिंह, काबीना मंत्री अरविंद पांडे राजेश गिरी, जागेश्वर क्षेत्र के विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल के गनर पुष्कर सिंह ने भी शैडो का कोर्स नहीं किया है।
हालांकि हल्द्वानी विधायक और नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश के गनर दिनेश पंत के गनर को लेकर मिली सूचना में बताया गया कि उन्होंने शैडो का कोर्स किया है। वीआइपी की सुरक्षा में बरती गई इस लापरवाही को लेकर आरटीआइ कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखा है। उन्होंने वीआइपी सुरक्षा ड्यूटी में लगे हेड कांस्टेबल/कांस्टेबलों को शीघ्र शैडो का कोर्स कराने की मांग की है। ताकि अति विशिष्ट महानुभावों की सुरक्षा पुख्ता की जा सके।
न्यायाधीशों के गनर भी बिना कोर्स के
उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायाधीश राजीव शर्मा, सर्वेश कुमार गुप्ता, सुधांशु धूलिया, आलोक सिंह, रजिस्ट्रार जनरल, एडवोकेट जनरल को भी अप्रशिक्षित गनर उपलब्ध कराए गए हैं।
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