Move to Jagran APP

खराब हुआ ट्रक तो खुली पोल

संवाद सूत्र, रायवाला: क्षेत्र में गो वंश तस्करी का धंधा किस तरह बेखौफ चल रहा है इसका ताजा उदाहरण गुर

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 07:42 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 07:42 PM (IST)
खराब हुआ ट्रक तो खुली पोल

संवाद सूत्र, रायवाला: क्षेत्र में गो वंश तस्करी का धंधा किस तरह बेखौफ चल रहा है इसका ताजा उदाहरण गुरुवार को सामने आया। नेपाली फार्म के पास खराब हुए एक ट्रक से पुलिस ने 11 गोवंश बरामद किए। यह गोवंश तस्करी के लिए ले जाए जा रहे थे। ट्रक में बैठे चालक को पुलिस ने मौके पर दबोच लिया, जबकि तीन अन्य फरार हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

loksabha election banner

गुरुवार सुबह करीब 11 बजे देहरादून की तरफ से एक खराब ट्रक को दूसरा ट्रक खींच कर ला रहा था। नेपाली फार्म के पास इनके बीच की रस्सी टूट गई। इसके बाद पहला ट्रक खराब ट्रक को हाईवे पर छोड़कर भाग गया। कुछ ही दूरी पर वह सौंग नदी पुल पर सामने से आ रहे एक अन्य ट्रक से जा भिड़ा। इससे हाईवे पर जाम लग गया। पुलिस ने किसी तरह वाहनों को हाईवे से हटाया। जाम खुलवाते हुए पुलिस नेपाली फार्म के पास देहरादून रोड पर खड़े ट्रक तक पहुंची। शक होने पर पुलिस ने ट्रक की चेकिंग की तो ट्रक में 11 गोवंश बंधे थे। पुलिस ने चालक को मौके पर दबोच लिया, जबकि तीन अन्य लोग भाग निकले। पकड़े गए आरोपी ने अपना नाम नदीम पुत्र मोबीन निवासी डडिहाल रामपुर उत्तर प्रदेश ने बताया। उसने बताया कि वह गोवंश को हिमाचल से लाए और रामपुर ले जा रहे थे। उसने अपने तीन अन्य साथियों के नाम शकील, इस्लाम व रियाज बताए हैं। प्रभारी थानाध्यक्ष आरएस असवाल ने बताया कि ट्रक सीज कर पशु क्रूरता और उत्तराखंड गोवंश संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। गोवंश को श्री कृष्णायन देशी गो रक्षा आश्रम के सुपुर्द कर दिया गया।

पुलिस चेकिंग नदारद

यदि ट्रक हाईवे पर खराब न होता तो गोवंश तस्करी का यह बड़ा मामला पुलिस के हाथ न लगता। इस बात की तस्दीक गुरुवार का घटनाक्रम खुद कर रहा है। वहीं, पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने स्वाभाविक हैं। सबसे अहम बात यह है कि जिस ट्रक में गोवंश लाद कर ले जाए जा रहे थे उसमें नंबर प्लेट ही नहीं है। पीछे की तरफ लगी एक (यूपी 21 एन 6452) की नंबर प्लेट भी बेहद धुंधली और छिपा कर रखी गई है। बिना नंबर प्लेट के ट्रक को लेकर तस्कर कई पुलिस चौकी व पिकेट पार करते हुए रायवाला तक कैसे पहुंच गए यह भी अहम सवाल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.