विश्व टीबी दिवस: कुपोषण से चार गुणा बढ़ जाती टीबी की संभावना
हिमालयन हॉस्पिटल मे पल्मोनॉजिस्ट डॉ. राखी खंडूरी ने बताया कि शोध में पाया गया है कि टीबी का एक कारण भोजन की कमी है।
By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 10:24 AM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 03:00 AM (IST)
देहरादून, [जेएनएन]: पर्याप्त भोजन की कमी भारत में टीबी या तपेदिक का मुख्य कारण है। स्वस्थ लोगों की तुलना में कुपोषित लोगों में टीबी होने की संभावना चार गुणा बढ़ जाती है।
हिमालयन हॉस्पिटल मे पल्मोनॉजिस्ट डॉ. राखी खंडूरी ने बताया कि शोध में पाया गया है कि टीबी का एक कारण भोजन की कमी है। देश में 40 फीसदी लोग किसी न किसी बिमारी के संक्रमण से प्रभावित हैं। हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता 90 फीसद तक कीटाणुओं से होने वाले संक्रमण से रक्षा करती है। जबकि दस फीसद जो संक्रमण होता है वो प्रतिरोधक क्षमता के कम होने से होती है। प्रतिरोधक क्षमता के कम होने की वजह है पोषण की कमी।
पल्मोनॉजिस्ट डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि देश में 55 फीसदी टीबी मरीज कुपोषित हैं। इसमें से 15-49 साल के लोगों में 34 फीसद पुरुष व 36 फीसदी महिलाएं कुपोषण की शिकार हैं। उन्होंने कहा कि अगर देश में कुपोषण पर काबू पा लिया गया तो इससे होने वाले करीब दस लाख मरीजों की संख्या घट सकती है।
क्या है टीबी-यह बैक्टीरिया जीवाणु
- माइकोबैक्टीरियम टयूवरक्लाई से होता है। टीबी एक संक्रामक रोग है जो शरीर के हरेक अंग को प्रभावित करता है।
- टीबी के कारण व लक्षण-खांसी व छाती में दर्द होना। वनज कम होना व खून वाली खांसी होना।
- क्या खाएं-जूस, दूध, दही, सूप, फल, प्रोटीन युक्त आहार, सब्जियां,सूखे मेवे।
- क्या न खाएं-सफेद ब्रेड, केक, पेस्टी, शराब और धू्मपान, फास्ट फूड व ज्यादा मात्रा में कॉफी।
- टीबी से बचाव-नौनिहालों को बीसीजी का टीका लगवाएं। दवाई को बिना डॉक्टरी सलाह के बंद न करें। खांसते या छींकते समय मुंह ढकें। आसपास सफाई रखें।
जागरूकता ही बचाव
हिमालयन अस्पताल के पल्मोनेरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. गिरीश सिंधवानी ने बताया कि विश्व टीबी दिवस को मनाए जाने के पीछे कारण है लोगों को इस रोग की गंभीरता को लेकर जागरुक करना। टीबी से डॉक्टर सालों से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इस लड़ाई में असली जान तभी आएगी जब लोग जागरूक होंगे।
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