आपदा राहत मानकों में फिर होगा संशोधन
राज्य ब्यूरो, देहरादून
प्रदेश में दैवीय आपदा के बाद मिलने वाली राहत के मानकों को सरकार ने नाकाफी माना है। सरकार अब आपदा राहत मानकों में संशोधन की तैयारी कर रही है। इसके लिए पहले मानकों को पुनर्निरीक्षण किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने एक छह सदस्य समिति का गठन किया है। यह समिति मानकों का समुचित अध्ययन करने के बाद मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपेगी। इसके अलावा सरकार ने नंदा देवी राजजात के ढांचागत विकास, मलिन बस्तियों की समस्याओं का अध्ययन करने और यमकेश्वर व मालदेवता में हुए नुकसान का अध्ययन करने के लिए भी समितियों का गठन किया है।
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सरकार ने हाल ही में दैवीय आपदा के मानकों में संशोधन किया है। एनडीआरएफ के तहत मिलने वाली सहायता में राज्य का अंशदान बढ़ाया गया है। बावजूद इसके प्रदेश के लोगों की अपेक्षा को देखते हुए इसके पुनर्निरीक्षण की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसके लिए समाजसेवी प्रयागदत्त भट्ट की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। इसमें कुंवर सिंह नेगी, जोत सिंह बिष्ट, संजय सैनी और मथुरा दत्त जोशी को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। अपर सचिव राजस्व इस समिति के सदस्य सचिव होंगे। यह समिति स्थानीय लोगों से बातचीत और मानकों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
उन्होंने कहा कि नंदा देवी राजजात में ढांचागत विकास में काफी पैसा खर्च किया गया है। भविष्य में इस ढांचे के बेहतर उपयोग के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति में विधायक ललित फस्र्वाण और प्रो.जीतराम को उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा समिति में नंदा राजजात समिति के दो सदस्यों के साथ ही राजजात क्षेत्र के विधायकों को शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में संस्कृति मंत्री इस समिति की अध्यक्षता करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मलिन बस्तियों में काफी समस्याएं हैं। सरकार इन बस्तियों में बेहतर व्यवस्थाएं देना चाहती है। इसके लिए संसदीय सचिव व विधायक राजपुर, राजकुमार की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति में देहरादून नगर निगम में में नेता प्रतिपक्ष नीनू सहगल के अलावा हरिद्वार से संजय शर्मा, हल्द्वानी से खजान पांडे और रुद्रप्रयाग से शीला कक्कड़ को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। एमएनए देहरादून इस समिति के सचिव होंगे। यह समिति मलिन बस्तियों के विकास के लिए रोडमैप देगी, ताकि इनकी बेहतरी की दिशा में कदम उठाए जा सकें।
इसके अलावा प्रदेश में हाल ही में पौड़ी जिले में यमकेश्वर और देहरादून के निकट मालदेवता क्षेत्र में आई आपदा के लिए दो समितियों का गठन किया गया है। नीलकंठ-द्वारीखाल-दुगड्डा क्षेत्र की स्थिति का आकलन करने के लिए संसदीय सचिव व विधायक प्रतापनगर विक्रम सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। इसमें एडीएम पौड़ी के साथ ही महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सरोजनी कैंत्युरा व दिलवर प्रताप सिंह को शामिल किया गया है। मालदेवता व सकलाना क्षेत्र में आई आपदा का आकलन करने के लिए संसदीय सचिव उमेश शर्मा काऊ की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। इसमें एडीएम टिहरी के साथ ही मनमोहन मल्ल और मालती चौहान को शामिल किया गया है।