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उत्तराखंड के लिए मानदंडों में हो शिथिलीकरण

राज्य ब्यूरो, देहरादून: केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की ओर से केंद्र पोषित योजनाओं की समीक्षा एवं नदि

By Edited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 01:07 AM (IST)Updated: Mon, 24 Nov 2014 01:07 AM (IST)
उत्तराखंड के लिए मानदंडों में हो शिथिलीकरण

राज्य ब्यूरो, देहरादून: केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की ओर से केंद्र पोषित योजनाओं की समीक्षा एवं नदियों को जोड़ने के संबंध में हुई बैठक में प्रदेश के सिंचाई मंत्री यशपाल आर्य ने उत्तराखंड का पक्ष रखा। उन्होंने उत्तराखंड के विकास के लिए केंद्र पोषित योजनाओं के मानकों में शिथिलीकरण करने की पैरवी की। उन्होंने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमाभारती से मुलाकात कर प्रदेश की लंबित योजनाओं के लिए स्वीकृति दिए जाने का अनुरोध भी किया।

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नई दिल्ली में तीन दिवसीय जल मंथन कार्यक्रम में सिंचाई मंत्री श्री आर्य ने नदियों को जोड़े जाने के संबंध में अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि नदियों के बेसिन में जल की उपलब्धता एवं वर्तमान तथा भविष्य की आवश्यकताओं के संबंध में अतिरिक्त जल का आकलन किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से तालाब व पोखरों आदि की मरम्मत, पुनर्निर्माण एवं पुनस्र्थापना हेतु बनाए गए मानदंडों में उत्तराखंड के लिए शिथिलीकरण किया जाए। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के ताल व पोखरों के लिए पांच हेक्टेयर जल फैलाव के स्थान पर दो हेक्टेयर व ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित ताल व पोखरों के लिए दो से दस हेक्टेयर के स्थान पर एक से पांच हेक्टेयर किया जाए ताकि उत्तराखंड को भी इससे लाभ मिल सके।

उन्होंने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमाभारती से मुलाकात कर राज्य की सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण से संबंधित निर्माणाधीन योजनाओं के साथ ही केंद्र पोषित बाढ़ योजनाओं में केंद्रांश अवमुक्त करने एवं नई योजनाओं के लिए स्वीकृति का भी अनुरोध किया। इस पर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने जल्द ही राज्य को केंद्रांश अवमुक्त करने के लिए आशस्त किया।


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