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आरटीआई कार्यकर्ताओं को सुरक्षा कवच

By Edited By: Published: Wed, 16 Jul 2014 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jul 2014 01:00 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, देहरादून: आरटीआई कार्यकर्ताओं पर लगातार हो रहे हमलों के मद्देनजर केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद अब प्रदेश में भी आरटीआई कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए शासन की ओर से सभी जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षकों के लिए गाईडलाइन जारी कर दी गई है। इसके तहत आरटीआई कार्यकर्ताओं के संबंध में अपराध और हिंसा की घटना का त्वरित संज्ञान लेने और जरूरत पड़ने पर व्यक्तिगत सुरक्षा देने के भी निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, किसी भी कार्यवाही से पहले घटना के गुण-दोष का भी संज्ञान लिया जाएगा।

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बीते कुछ समय से देश भर में आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हमले के मामले बढ़े हैं। इस मामले का सुप्रीम कोर्ट भी संज्ञान ले चुका है। केंद्र सरकार ने सभी प्रदेश सरकारों से आरटीआई कार्यकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने की अपेक्षा की है। इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी। इसके बाद शासन की ओर से आरटीआई कार्यकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने की गाईडलाइन जारी कर दी गई है। इसके तहत आरटीआई कार्यकर्ता के संबंध में किसी अपराध अथवा हिंसा की सूचना प्राप्त होती है तो इस सूचना का अविलंब संज्ञान लिया जाएगा। सूचना का गुण-दोष के आधार पर संक्षिप्त परीक्षण किए जाएगा एवं आवश्यकतानुसार कार्यवाही की जाएगी। यदि कोई आरटीआई कार्यकर्ता अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा के विषय में कोई आवेदन प्रस्तुत करता है तो उस पर जिला स्तर पर जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक अधिसूचना को मिलाकर गठित की गई कमेटी जीवन भय का आकलन करेगी तथा इसकी सूचना शासन को भेजेगी। इस पर शासन निर्णय लेगा और यदि किसी को अविलंब सुरक्षा देना अनिवार्य हो तो जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए सुरक्षा उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर पीड़ित कार्यकर्ता को आर्थिक सहायता देने की कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाएगी।

सचिव गृह मंजुल कुमार जोशी की ओर से इस संबंध में पुलिस महानिदेशक, आयुक्त गढ़वाल व कुमाऊं मंडल, सभी जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को तत्काल प्रभाव से इन आदेशों के अनुपालन का निर्देश दिया गया है।


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