सात घंटे अटकी रही पुलिस प्रशासन की सांस
जागरण संवाददाता, देहरादून: सरकार की बेरुखी के बाद सीएम आवास कूच कर रहे उपनल कर्मियों पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी, जिसमें कई कर्मी चोटिल हो गए। पुलिस ने यहां से कुछ कर्मियों को गिरफ्तार किया तो गुस्साए उपनल कर्मी सर्वे चौक पहुंच गए और पांच कर्मी पानी की टंकी पर जा चढ़े। इससे पुलिस-प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। उपनल कर्मचारियों के हंगामा करने पर पुलिस ने वहां भी लाठियां भांजी और करीब 300 कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया। इन सभी को पुलिस लाइन में रखा गया और देर शाम रिहा कर दिया गया। वहीं, पुलिस-प्रशासन के अफसर टंकी पर चढ़े उपनल कर्मियों से फोन पर वार्ता कर उतरने की अपील करते रहे, लेकिन उन्होंने सीएम से वार्ता किए बिना उतरने से साफ इन्कार कर दिया। देर शाम मसूरी विधायक गणेश जोशी के नेतृत्व में उपनल कर्मियों का एक प्रतिनिधि मंडल सीएम हरीश रावत से मिला और सीएम ने मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया। इस पर करीब सात घंटे बाद पांचों कर्मी टंकी से नीचे उतरे।
गत 23 दिनों से उपनल कर्मी तीन सूत्री मांगों को लेकर परेड ग्राउंड में धरना दे रहे हैं। सोमवार को भी उपनल कर्मी सचिवालय पर गरजे थे, लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हो सका। इस पर मंगलवार को उपनल कर्मियों का सीएम आवास कूच का कार्यक्रम था। कूच करने से पहले कर्मियों ने परेड ग्राउंड पर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। उग्र तेवरों के साथ उपनल कर्मी यहां से सीएम आवास के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस पर कर्मी पुलिस से उलझ गए तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इससे वहां भगदड़ मच गई और कई कर्मचारियों को चोटें भी आईं। पुलिस ने वहां से दो दर्जन से अधिक उपनल कर्मियों को गिरफ्तार भी किया। पुलिस अन्य कर्मियों की गिरफ्तारी के लिए और वाहन मंगाती, इससे पहले ही उपनल कर्मी सर्वे चौक जा पहुंचे। करीब साढ़े 12 बजे पांच उपनलकर्मी नरेश नेगी निवासी देवप्रयाग, विक्रम सिंह निवासी देहरादून, दीपक चौहान निवासी टिहरी, देवेंद्र सिंह निवासी हल्द्वानी, कुशलपाल निवासी टिहरी पानी की टंकी पर जा चढ़े। वहां मौजूद सैकड़ों कर्मचारियों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिससे वहां जाम की स्थिति बन गई। एसपी सिटी अजय सिंह और सिटी मजिस्ट्रेट गिरीश चंद गुणवंत कई थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने यहां भी उन पर लाठियां भांजी, जिसमें कई कर्मचारी चोटिल भी हुए। यहां से पुलिस ने करीब 300 से अधिक कर्मचारियों को गिरफ्तार किया और बसों से उन्हें पुलिस लाइन भेजा। वहीं, एसपी सिटी अजय सिंह ने टंकी पर चढ़े कर्मचारियों से नीचे उतरने की अपील की और आश्वासन दिया कि उनके खिलाफ कोई पुलिस कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन कर्मियों ने उतरने से साफ इन्कार दिया। देर शाम तक पुलिस-प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों से नीचे उतरने की मिन्नते करते रहे। कोतवाल एसएस बिष्ट ने बताया कि 289 पुरुष और 31 महिला उपनल कर्मियों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें सख्त हिदायत के बाद छोड़ दिया गया है।
वहीं, कैंट विधायक हरबंश कपूर और बागेश्वर विधायक चंदन रामदास भी वहां पुहंचे और उपनल कर्मियों की मांगों का समर्थन किया। देर शाम मौके पर मसूरी विधायक गणेश जोशी पहुंचे और उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय लिया। इसके बाद उपनल कर्मियों का एक प्रतिनिधि मंडल आवास पर मुख्यमंत्री से मिला। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को नजरंदाज नहीं किया जाएगा। उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महासचिव महेश भट्ट ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल ने लिखित में आश्वासन देने की बात कही तो सीएम ने सुबह 10 बजे का समय दिया है। इस आश्वासन पर पांचों कर्मचारी पानी की टंकी से नीचे उतर आए हैं, लेकिन धरना अभी जारी है। वार्ता के बाद मुख्यमंत्री के मीडिया प्रभारी भी मौके पर पहुंचे।
महिला उपनल कर्मियों को पुलिसकर्मियों ने किया गिरफ्तार
परेड ग्राउंड पर धरने के दौरान भारी संख्या में महिला कर्मी भी मौजूद थीं और कर्मचारियों के सीएम आवास कूच करने की सूचना भी पुलिस को पहले से थी। लेकिन, फिर भी अफसरों ने पर्याप्त महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती नहीं की थी। नतीजतन, पुरुष पुलिस कर्मियों ने महिला उपनल कर्मियों को गिरफ्तार किया। इसका उन्होंने जमकर विरोध भी किया।
तीन हटाए गए कर्मचारी चढ़े हैं टंकी पर
टंकी पर चढ़े पांच कर्मियों में से तीन नरेश नेगी, दीपक चौहान और कुशलपाल रावत पंचायत विभाग (टिहरी) से हटाए गए हैं। इन्होंने दैनिक जागरण से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि उनसे तमाम चुनाव में पूरा काम लिया गया और उन्होंने भी मेहनत से काम किया, लेकिन बाद में उन्हें ये कहकर निकाल दिया गया कि उन्हें देने के लिए विभाग के पास पैसे नहीं हैं।
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शांतिपूर्वक धरना-प्रदर्शन में पुलिस-प्रशासन उपनल कर्मियों का पूरा सहयोग कर रहा था। सोमवार को सचिवालय में वार्ता कराने को कहा गया, लेकिन वो वार्ता को राजी नहीं हुए और अब वो अराजकता फैला रहे थे। इस कारण 320 उपनलकर्मियों को गिरफ्तार किया गया।
-अजय सिंह, एसपी सिटी
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जुनूनी है, कूद जाएगा
कुछ पुलिस कर्मी टंकी की सीढि़यों पर खड़े थे तो वहां मौजूद उपनल कर्मियों ने सोचा कि वह टंकी पर चढ़े साथियों को उतारने के लिए जा रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को रोको, एक बड़ा जुनूनी है और वो नीचे कूद जाएगा।