नंदा राजजात की प्रस्तुति ने सबका मन मोहा
संवाद सूत्र, रायवाला :पौराणिक देवभूमि सोसाइटी के तत्वावधान में चल रहे रायवाला महोत्सव के समापन पर गढ
संवाद सूत्र, रायवाला :पौराणिक देवभूमि सोसाइटी के तत्वावधान में चल रहे रायवाला महोत्सव के समापन पर गढ़ संस्कृति के कलाकारों ने गढ़ संस्कृति पर आधारित लोक गीत एंव नृत्य प्रस्तुत किए। नंदा देवी राजजात पर आधारित लोकगीत की झांकी सहित प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया।
बुधवार को चार दिवसीय रायवाला महोत्सव के समापन समारोह में ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन गढ़ संस्कृति के संरक्षण के लिए बेहद जरूरी हैं। स्थानीय स्कूलों के बाल कलाकारों ने लोक गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किए। फ्यूली व ब्रह्मकमल ग्रुप के कलाकारों ने जागर, थड्या, चौंफला, चांचरी आदि लोक गीत व नृत्य की प्रस्तुति दी। हंसा नृत्य नाटिका मंच ने कन्या भ्रूण हत्या, महिला जागरुकता, गंगा स्वच्छता आदि पर लघु नाटिका प्रस्तुत की। हास्य नृत्य मेरू बुढ्यो की ब्यौ छ रे चार दिन की धकाधूम ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। नंदा देवी राजजात गीत के जीवंत प्रस्तुति से दर्शक मंत्र मुग्ध हो उठे। लोक गायिका पूनम सती ने हो द्यूरा मोहना तेरी जीएमो ह्वै गाड़ी, गीता नेगी के खुदेड़ गीत कब आलू मंगसीर मैना ऐजी मीन दिल्ली जाणा. ऐगी च्यों दिशि मौल्यार.. की प्रस्तुति ने जमकर तालियां बटोरी। लोक गायक दयाशंकर फुलारा ने मेरू दाज्यू की बाराता जाली रामनगर.. मेरू रंगीलो द्यूरौ घर ऐरू छ.. कुमांऊनी गीत प्रस्तुत किया। इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी सूर्यकांत धस्माना, डॉ. केएस राणा, शोभाराम रतूडी, केपी ढौंडियाल, आचार्य सुमन धस्माना आदि उपस्थित थे।