दिल्ली ने काटी उत्तराखंड की बिजली
जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रतिदिन औसतन चार मिलियन (40 लाख) यूनिट बिजली किल्लत से जूझ रहे उत्तराखंड
जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रतिदिन औसतन चार मिलियन (40 लाख) यूनिट बिजली किल्लत से जूझ रहे उत्तराखंड को नॉर्दल रीजन लोड डिस्पैच सेंटर (एनआरएलडीसी) ने भी झटका दे दिया। सेंटर ने 220 केवी की पुहाना-रुड़की लाइन पर 50 मेगावाट बिजली ओवरड्राल (क्षमता से अतिरिक्त खपत) बताकर लाइन बंद कर दी। जबकि, असल में इस लाइन पर 50 मेगावाट का अंडरड्राल (क्षमता से कम खपत) चल रहा था। इससे हरिद्वार के ग्रामीण क्षेत्रों व इंडस्ट्रीयल क्षेत्र को मंगलवार सुबह एक घंटे (सुबह साढ़े छह से साढ़े सात बजे तक) अनावश्यक बिजली किल्लत झेलनी पड़ गई।
ऊर्जा निगम ने प्रबंध निदेशक सुमेर सिंह यादव ने मंगलवार को ऊर्जा मंत्रालय में आयोजित बैठक में इस रवैये को लेकर एनआरएलडीसी के अधिशासी निदेशक वीके अग्रवाल के समक्ष कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि डिस्पैच सेंटर गलत आंकड़े रखकर उत्तराखंड की बिजली काट देता है। उधर, ऊर्जा निगम की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में राज्य को सर्दियों में बिजली किल्लत से निजात दिलाने के लिए मेघालय से बिजली उधार लेने व टेंडर के आधार पर 31 मार्च 2015 तक रोजाना 75 से 250 मेगावाट तक बिजली खरीदने की जानकारी दी गई।
सर्दियों के लिए बिजली खरीद योजना
-मेघालय से एक अक्तूबर से 21 अक्तूबर तक रोजाना 25 मेगावाट बिजली खरीदी जाएगी। इसे वर्ष 2015 में जुलाई, अगस्त व सितंबर में लौटाया जाएगा।
-एक अक्तूबर 2014 से 31 मार्च 2015 तक छह माह के लिए टेंडर माध्यम से रोजाना अक्तूबर में 75 मेगावाट, नवंबर में 100 मेगावाट, दिसंबर में 200 मेगावाट, जनवरी में 250 मेगावाट, फरवरी में 175 मेगावाट व मार्च में 25 मेगावाट बिजली खरीदी जाएगी।
पांच घंटे तक बिजली कटौती
सोमवार को राज्य में बिजली की मांग 34.31 मिलियन यूनिट थी, जबकि उपलब्धता 31.07 यूनिट रही। इसके चलते राज्य के विभिन्न जनपदों में एक से लेकर पांच घंटे तक की घोषित बिजली कटौती की गई।