उत्तराखंड में फूड प्रोसेसिंग में निवेश की व्यापक संभावना
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड में फूड प्रोसेसिंग में निवेश के लिए व्यापक संभावनाएं हैं, जरूरत है सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर की। बिजली के अलावा सड़क और हवाई मार्ग की कनेक्टिविटी होगी तो खुद ही उद्योग निवेश के लिए आगे आएंगे। यह बात पीएचडी चैंबर ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद जयपुरिया ने शनिवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि पीएचडी चैंबर मुख्यमंत्री से मिलकर कृषि क्षेत्र में उद्योगों की भागीदारी के लिए एक रोडमैप बनाएगा। साथ ही पंतनगर में अक्टूबर में एक सेमिनार आयोजित करने की योजना है। इसमें किसानों को नई तकनीक और बीजों के बारे में जानकारी के अलावा बाजार उपलब्ध कराने पर फोकस होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि कोलकाता-अमृतसर कोरीडोर बनने का फायदा उत्तराखंड को भी मिलेगा।
वार्ता में जयपुरिया ने कहा कि राज्य की आर्थिकी मजबूत करने के लिए यहां टूरिज्म, एडवेंचर और वाइल्डलाइफ टूरिज्म जैसे साधन हैं। साथ ही लघु उद्योगों का भी उत्तराखंड की आर्थिकी में 36 फीसद योगदान है। यह तब है जबकि उद्योगों को 24 घंटे में 14 से 15 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। गैस के नौ सौ मेगावाट के तीन पावर प्रोजेक्ट हैं, लेकिन उनमें बिजली उत्पादन नहीं हो रहा क्योंकि उन्हें गैस नहीं मिल पा रही। छोटे पावर प्रोजेक्ट भी लटके पड़े हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में मटर की पैदावार ही इतनी होती है कि उससे किसानों की आर्थिकी सुधारी जा सकती है। खरीददारों की कोई कमी नहीं है, लेकिन कनेक्टिविटी न होने का खामियाजा राज्य को भुगतना पड़ रहा है। स्पोर्ट्स टूरिज्म का राज्य की आर्थिकी में खासा योगदान है, जिसे और बढ़ाया जा सकता है। पत्रकार वार्ता में पीएचडी चैंबर के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेश गुप्ता, राज्य इकाई के अध्यक्ष एसपी कोचर, राजीव घई आदि मौजूद थे।