सहयोग पर हिचके निजी विश्वविद्यालय
राज्य ब्यूरो, देहरादून
सरकारी और सहायताप्राप्त अशासकीय कालेजों में दाखिले के दबाव से निपटने को निजी विश्वविद्यालयों से सरकार ने सहयोग मांगा। विश्वविद्यालयों ने हर मुमकिन सहयोग का भरोसा तो दिलाया, लेकिन बीए, बीएससी समेत तमाम पारंपरिक पाठ्यक्रम संचालित करने को लेकर हिचक नहीं छोड़ सके। फिलहाल इन विश्वविद्यालयों का रुख भरोसे और उम्मीद के बीच झूल रहा है। अलबत्ता, शासन ने नए पाठ्यक्रमों शुरू होने की स्थिति में उन्हें पूरा सहयोग देने के प्रति आश्वस्त किया है।
प्रदेश के डिग्री कालेजों में निर्धारित से अधिक संख्या में दाखिलों और हाईकोर्ट की सख्ती के मद्देनजर सरकार विकल्पों को खंगाल रही है। इस संबंध में गुरुवार को सचिवालय में उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव मनीषा पंवार की अध्यक्षता में निजी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। बैठक में निजी विश्वविद्यालयों से पारंपरिक विषयों की पढ़ाई शुरू करने और दाखिले की मौजूदा समस्या के समाधान में सहयोग मांगा गया। निजी विश्वविद्यालयों से बीए, बीएससी, बीकाम जैसे परंपरागत पाठ्यक्रम की पढ़ाई को लेकर विचार विमर्श किया गया। कुछ निजी विश्वविद्यालयों ने बीए आनर्स समेत परंपरागत विषयों की पढ़ाई शुरू करने का हवाला दिया। हालांकि ज्यादातर विश्वविद्यालय परंपरागत विषयों और पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कराने को लेकर ज्यादा इच्छुक नहीं दिखे। शासन के प्रस्ताव पर उन्होंने इस पर मंथन करने का भरोसा जरूर दिलाया। बैठक में ग्राफिक एरा, देवसंस्कृति, उत्तरांचल, आइएमएस यूनिसन, डीआइटी और इकफाई विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि, उच्च शिक्षा महकमे की ओर से उप निदेशक डा एनपी माहेश्वरी और डा एसएस साहनी मौजूद रहे।