केदारनाथ में कैबिनेट से पहले धरातल पर उतरेंगे निर्णय
राज्य ब्यूरो, देहरादून: केदारनाथ के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के नाराज लोगों के मोर्चा खोलने और केदारनाथ क्षेत्र की विधायक शैलारानी रावत का केदारनाथ में कैबिनेट बैठक के विरोध के बावजूद सरकार वहां कैबिनेट कराने के फैसले पर अडिग है। हालांकि, अब सरकार कैबिनेट में केदारनाथ आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए लिए जाने वाले निर्णयों से पहले ही इन्हें धरातल पर उतारने की तैयारी कर रही है।
केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो की सुस्त रफ्तार और गुणवत्ता को लेकर काबीना मंत्री हरक सिंह रावत और क्षेत्रीय विधायक शैलारानी रावत अपनी तीखी प्रतिक्रिया जता चुके हैं। केदारनाथ विधायक शैलारानी केदारनाथ में कैबिनेट के आयोजन का विरोध कर रही हैं। शैलारानी के विरोध का असर यह हुआ कि सरकार ने उन्हें मंत्री स्तर की सुविधा देने के साथ ही वंहां कार्यो को धरातल पर उतारने का निर्णय लिया है। मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार केदारनाथ में कैबिनेट करेगी, हालांकि इससे पहले केदारनाथ के मसले पर लिए जाने वाले फैसले धरातल पर उतारे जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों का सब्र टूटता जा रहा है, ऐसे में सरकार पहले ही कार्यो को धरातल पर उतारेगी। मुख्यमंत्री ने शैलारानी के बयानों के संबंध में कहा कि उनके क्षेत्र में नुकसान हुआ ह,ै ऐसे में हमें उनकी मानसिकता को समझना होगा। हमे उनकी कही हुई बातों को नहीं बल्कि उनके पीछे छिपे कारणों को समझना होगा।
वहीं, एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने सरकार को सिडकुल की फैक्ट्रियों में आडिट का पक्षधर बताया। उन्होंने कहा कि वहां फैक्ट्रियों में आडिट विशेषकर सेफ्टी आडिट जरुरी है। अभी सभी फैक्ट्रियां सेल्फ सेफ्टी आडिट करते हैं, लेकिन हालिया घटनाओं को देखते हुए वहां आडिट कराने की जरुरत है।