सीएम की घुड़की भी पचा गया एमडीडीए
जागरण संवाददाता, देहरादून: आइएसबीटी का निरीक्षण किए मुख्यमंत्री हरीश रावत को दो दिन बीत चुके हैं। सीएम के निर्देश के बावजूद यहां व्यवस्थाएं सुधारने के नाम पर अब तक न तो एमडीडीए अफसरों ने कोई कदम उठाए और न ही रैमकी के अधिकारियों ने। आइएसबीटी की अव्यवस्थाएं इस बात की गवाह हैं कि इस अंतरराज्जीय बस अड्डे में व्यवस्था सुधार को लेकर मशीनरी गंभीर नहीं है।
आइएसबीटी की स्थिति किस कदर दयनीय है इसकी हकीकत स्वयं मुख्यमंत्री अपने भ्रमण कार्यक्रम के दौरान दो दिन पहले देख चुके हैं। लेकिन, दुर्भाग्य की बात है कि मुख्यमंत्री के निरीक्षण के बावजूद इस बस अड्डे की स्थिति सुधार की दिशा में फिलहाल कोई सकारात्मक कदम उठते नहीं दिख रहे। आइएसबीटी में चारों ओर टूटी पड़ी सड़कें, दिन ब दिन जर्जर हालत में पहुंचते प्लेटफार्म, टूटी कुर्सियां यह बताने के लिए काफी हैं कि यहां अब भी कुछ नहीं बदला। इसके अलावा बस अड्डे में जगह-जगह फैली गंदगी, टूटे पड़े तमाम उपकरण भी बताते हैं कि व्यवस्था सुधार के नाम पर कुछ नहीं हुआ।
ड्रेनेज का नहीं है बंदोबस्त
आइएसबीटी में ड्रेनेज का कोई बंदोबस्त नहीं है। यही वजह है कि बारिश का सारा पानी अंदर भरा रहता है। इसी कारण यहां बनाई गई सड़कें व प्लेटफार्म क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। दरअसल आइएसबीटी में पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है, जिस कारण यह समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
ढालदार सड़क बनाने के निर्देश
एमडीडीए सचिव वंशीधर तिवारी ने बताया कि रैमकी प्रबंधन को निर्देशित किया गया है कि आइएसबीटी की क्षतिग्रस्त हुई सभी सड़कों को ठीक कराए। इसके अलावा सड़कों को ढालदार बनाने के लिए कहा गया है ताकि इसके पानी की निकासी टर्नर रोड पर बन रहे नाले में की जा सके।
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आइएसबीटी के बाहर नहीं खड़ी होंगे वाहन
आइएसबीटी को व्यवस्थित करने की दिशा में भले अब तक एमडीडीए व रैमकी सक्रिय न हुए हों, लेकिन आरटीओ व ट्रैफिक पुलिस ने मुख्यमंत्री के निर्देशों पर कार्य शुरू कर दिया है। शुक्रवार को एसपी ट्रैफिक प्रदीप राय व आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने मौका-मुआयना किया। इस दौरान बस संचालकों को कड़ी हिदायत दी गई कि वह बसों को आइएसबीटी के बाहर खड़ा नहीं करेंगे। इसके अलावा निजी बस संचालक, आटो-विक्रम संचालकों को भी बस अड्डे के बाहर वाहन न खड़ा करने की हिदायत दी गई। एसपी ट्रैफिक प्रदीप राय ने बताया कि आटो संचालकों को निर्देशित किया गया कि वह सवारी को अंदर तक छोड़कर आएंगे। इसके अलावा बस संचालकों को निर्देश दिए कि वह गाड़ी के कागज व लाइसेंस साथ लेकर चलें अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। बस अड्डे के बाहर कोई वाहन खड़ा न हो इसके लिए बस अड्डे के बाहर चौकी के सिपाहियों के अलावा परिवहन निगम के सिपाही तैनात रहेंगे।