टीकाकरण को लगानी पड़ रही 50 किमी की दौड़
संवाद सूत्र, त्यूणी : राजकीय एलोपैथिक व आयुर्वेदिक अस्पताल बरौंधा में तैनात डॉक्टर व अन्य स्टाफ कर्
संवाद सूत्र, त्यूणी : राजकीय एलोपैथिक व आयुर्वेदिक अस्पताल बरौंधा में तैनात डॉक्टर व अन्य स्टाफ कर्मियों के नियमित ड्यूटी पर नहीं रहने का खामियाजा ग्रामीण जनता को भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों को बच्चों के टीकाकरण को 50 किमी दूर सीएचसी चकराता की दौड़ लगानी पड़ रही है। अस्पताल प्रशासन की इस मनमानी से नाराज रंगेऊ के ग्रामप्रधान ने जिलाधिकारी से मामले की शिकायत कर लापरवाह कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर के दुर्गम ग्रामीण इलाकों में जनता की सुविधा को खोले गए ज्यादातर सरकारी अस्पताल डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। क्षेत्र के कुछ अस्पतालों में नियुक्त डॉक्टर व स्टाफ कर्मी ऊंची पहुंच के चलते पहाड़ चढ़ने के बजाए सुगम स्थल के अस्पतालों, सीएमओ व महानिदेशक स्वास्थ्य कार्यालय में लंबे समय से जमे हुए हैं। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते कुछ डॉक्टर व स्टाफ कर्मी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे। कुछ ऐसा ही हाल राजकीय एलोपैथिक व आयुर्वेदिक अस्पताल बरौंथा का भी है। दुर्गम क्षेत्र में ग्रामीण जनता की सुविधा को खोले गए इन अस्पतालों में तैनात डॉक्टर व अन्य स्टाफ के नियमित अस्पताल में नहीं बैठने पर लोगों को फजीहत झेलनी पड़ रही है। रंगेऊ के ग्रामप्रधान एमएस चौहान, मायाराम, दीवान ¨सह, सुनील आदि ने कहा अस्पताल में तैनात डॉक्टर माह में सिर्फ दो-तीन दिन ही ड्यूटी पर आते हैं। इसके अलावा यहां तैनात अन्य स्टाफ व एएनएम का भी कोई अता-पता नहीं है। एएनएम के बरौंथा अस्पताल में नहीं बैठने से ग्रामीणों को अपने बच्चों के टीकाकरण को 50 किमी दूर सीएचसी चकराता की दौड़ लगानी पड़ रही है। जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते उक्त अस्पताल से जुड़े बरौंथा क्षेत्र के 20 गांवों की ग्रामीण जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। ग्रामप्रधान ने कहा डॉक्टर व स्टाफ की कमी के चलते ग्रामीण जनता को मामूली बीमारी के उपचार को मीलों दूर चकराता आना-जाना पड़ रहा है। ग्रामप्रधान ने डीएम से मामले की शिकायत कर लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। उधर, सीएमओ डॉ. एसपी अग्रवाल ने कहा मामले की जांच कराई जाएगी।