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31 दिसंबर तक होगा आंदोलनकारियों का चिह्नीकरण: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ाने की घोषणा की।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 09 Nov 2017 10:04 AM (IST)Updated: Thu, 09 Nov 2017 09:15 PM (IST)
31 दिसंबर तक होगा आंदोलनकारियों का चिह्नीकरण: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत

देहरादून, [जेएनएन]: राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की तिथि 31 दिसंबर तक बढ़ाने की घोषणा की। वह कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर राज्य आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे थे। इस दौरान राज्य आंदोलनकारियों के विभिन्न संगठनों ने उनका घेराव किया और उनके समक्ष अपनी समस्याओं को रखा। 

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आंदोलनकारियों ने कहा कि चिह्नीकरण को लेकर कई बार प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन, अकेले देहरादून में करीब डेढ़ हजार आंदोलनकारियों का चिह्नीकरण नहीं हो पाया। राज्य में यह संख्या हजारों में है और काफी समय से आंदोलनकारियों का चिह्नीकरण बंद हो चुका है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने चिह्नीकरण की तिथि बढ़ाने की घोषणा की और कहा कि जल्द ही इस बाबत कार्यवाही शुरू की जाएगी। 

आंदोलनकारियों ने दस फीसद क्षैतिज आरक्षण, एक समान पेंशन के साथ ही मसूरी, खटीमा और मुजफ्फरनगर के दोषियों को सजा दिलाने के लिए मुख्यमंत्री से ठोस पैरवी की मांग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा। सरकार आंदोलनकारियों की भावनाओं का पूरा ध्यान रखेगी।

 क्षैतिज आरक्षण का मामला न्यायालय में लंबित है। बोले कि हर व्यक्ति को राज्य के समग्र विकास के लिए अपना योगदान देना होगा, तभी शहीदों के सपने का उत्तराखंड बन सकेगा। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, राजपुर रोड विधायक खजानदास, महापौर एवं विधायक विनोद चमोली, प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल, महानगर अध्यक्ष विनय गोयल आदि मौजूद रहे।

राज्यपाल ने ली परेड की सलामी 

देहरादून पुलिस लाइन में आयोजित मुख्य समारोह में राज्यपाल केके पॉल ने परेड की सलामी ली। इस मौके पर राज्यपाल ने आंदोलनकारी शहीदों को नमन करने के साथ ही सभी प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कानून व्यवस्था प्रसंशनीय है। यदि कानून व्यवस्था बेहतर होगी तो राज्य में पूंजी निवेश भी बेहतर होगा। पर्यटन की दिशा में उत्तराखंड आगे बड़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की स्थापना दिवस पर ईमानदारी से मूल्यांकन किया जाना चाहिए कि अपेक्षाओं पर हम कितना खरा उतरे। प्राकृतिक आपदाओं को झेलने के बावजूद उत्तराखंड तरक्की के मार्ग पर अग्रसर है। 

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